शुक्रवार, 12 मई 2017

जादूगर बने डॉ अजय सहाय

पांच भाषाओं में अभिनय करना भी एक रिकार्ड है
सुपर स्पेशिलिटी हास्पीटल चलाने वाले डॉ. अजय सहाय अब जादूगर बन गए हैं। चौकिये नहीं यह सच है। डॉ सहाय ने फिल्म दीवाना छत्तीसगढिय़ा में जादूगर की भूमिका निभाये है और और दर्शकों को खूब हंसाते हुए नजर आयेंगे। बिलासपुर के समाजसेवक जेठू राम साहू ने कलाकारों को मंच देने के लिए फिल्म दीवाना छत्तीसगढिय़ा बनाई है। इस फिल्म में डॉ सहाय नए रूप में दिखेंगे। उनमे गजब की प्रतिभा है। नायक ,खलनायक ,लेखक ,निर्देशक साहित्यकार, कवि, रंगकर्मी, पटकथा जैसे अनेक कला किसी एक व्यक्ति में हो ऐसे बिरले ही होते है और यह सब कला है डॉ अजय सहाय में। छत्तीसगढ़ी फिल्मो का वे एक आधार स्तम्भ है। उन्होंने एक नहीं कई भाषाओं की फिल्मो में अभिनय कर सबके सामने एक चुनौती पेश की है। पांच भाषाओं में अभिनय करना भी उनका एक रिकार्ड है। जितने अच्छे वे मधुमेह व् हृदयरोग विशेषज्ञ है उतने ही बेहतर कलाकार है।
डॉ सहाय को कला विरासत में मिली है। माँ से कला मिली है तो पिता से शिक्षा। छालीवुड में डॉ सहाय एक ऐसे नायक खलनायक लेखक ,निर्देशक है जिन्होंने फिल्म उद्योग पर हर भूमिका में एकछत्र राज कर रहे हैं और अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। उनके स्वाभाविक अभिनय और प्रतिभा की पराकाष्ठा ही थी कि लोगों के बीच वे काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने जितने भी फिल्मों में रोल किया उसे देखकर ऐसा लगता है कि उनके द्वारा अभिनीत पात्रों का किरदार केवल वे ही निभा सकते थे। उनकी अभिनीत भूमिकाओं की यह विशेषता रही है कि उन्होंने जितनी भी फिल्मों मे अभिनय किया उनमें हर पात्र को एक अलग अंदाज में दर्शकों के सामने पेश किया। रूपहले पर्दे पर डॉ सहाय ने जितने रोल किए उनमें वह हर बार नए तरीके से संवाद बोलते नजर आए। अभिनय करते समय वे उस रोल में पूरी तरह डूब जाते हैं। परिवर्तन धारावाहिक में स्थानीय कलाकारों को लेना वे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धी मानते है। समय की कदर नहीं करने वालों से डॉ सहाय काफी निराश होते हैं। वे कहते है कि जूनून से अच्छी फिल्म नहीं बनती। कहानी, संवाद,  निर्देशन, सब कुछ फिल्मो में होनी चाहिए। पैसों से ज्यादा समय की कीमत होती है। कई बार उनके साथ ऐसा हुआ है कि निर्माता निर्देशक उन्हें शूटिंग पर बुलाकर घंटों लेट आये हैं। ऐसे लोगो के लिए उनका एक ही सन्देश है समय की कदर करो। 

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