गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

निशा के कला के कायल हैं छत्तीसगढ़िया

 जीवंतता नजर आती है उनके अभिनय में

छालीवुड की चरित्र अभिनेत्री निशा चौबे के अभिनय के यहां के दर्शक कायल हैं. उनके अभिनय में जीवंतता झलकती है.उन्हें सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेत्री का अवार्ड भी मिल चुका है। छालीवुड स्टारडम ने उन्हें 2018 का सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेत्री का अवार्ड दिया था। वे कहती है कि चरित्र को फिल्म में जीवंत बनाने की पूरी कोशिश करती हूँ। फिल्मो में हर प्रकार की भूमिका निभाना उन्हें पसंद है उनकी तमन्ना इस भूमिका को लगातार आगे भी जीते रहने की है।इस समय उनकी रावत नाच की तर्ज पर बनी गॉसिप खूब पसंद किये जा रहे हैं. महज 13 साल की छोटी सी उमर में अपने नृत्य कला की शुरुवात करने वाली निशा चौबे राजनीति के साथ साथ अब फिल्मो में काम कर रही है। उनके छालीवुड में आने से एक चरित्र अभिनेत्री की कमी पूरी हुई है। निशा में काम करने का जूनून है, वे कहती है कि मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहता है। फिल्म आई लव यूं में उनके कामों की तारीफ़ छालीवुड के महानायक मोहन सुंदरानी ने भी की है.

वे समाजसेवा और राजनीति में भी सक्रिय है. निशा छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री एसोसिएशन के बेमेतरा जिला अध्यक्ष भी है. छालीवुड में काम करने वाली सभी अभिनेत्रियां उनके आदर्श है। क्योकि सबसे उन्हें कुछ ना कुछ सीखने को ही मिलता है। वे अब तक के अपने कामो से पूरी तरह से संतुष्ट है. निशा छत्तीसगढ़ी के साथ भोजपुरी फिल्म में भी अपना जलवा दिखा रही है. मेरी नजर में निशा छत्तीसगढ़ के एक छोटे से कस्बे बेमेतरा में पली बढ़ी और अपनी छोटी सी उम्र में एक बड़ी उपलब्धी हासिल कर ली है। वे कहती है कि फिल्मो में भी बेहतर कॅरियर है और वे फिल्म को ही अपना कॅरियर बनाएगी। छत्तीसगढ़ी फिल्मो में कॅरियर नहीं है कहने वालों को निशा बेहतर जवाब देती है वे कहती है कि काम अच्छा हो तो हर क्षेत्र में कॅरियर बनता है.प्रतिभा को अवसर मिले तो सोने पे सुहागा हो जाता है। वह कहती है कि उनकी तमन्ना एक सफल अभिनेत्री बनने की है। उन्हें छालीवुड में सिर्फ नाम और शोहरत चाहिए। लोगो का प्यार और तालियां मुझे मिला तो मुझे अपार खुशी होगी। साथ ही अपने लोकमंच का संचालन भी सफलतापूर्वक कर रही है.संघर्ष कला को निखारता है निशा ने अपने कला को बढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया है.

बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

माँ बेटे के दर्द भरे जसगीत है “दाई तोर ममता के करजा”


एक बेटा अपनी जन्मदात्री माँ का कर्जा जिंदगी भर नहीं उतार सकता। चाहे वह अपनी माँ के लिए कुछ भी कर लें. निर्माता निर्देशक मनोज दीप ने बहुत ही दर्द भरे जसगीत यूट्यूब पर पेश किया है जिसे सुनकर आँखों में आंसू भर आता है. जसगीत की भावना बहुत ही साफ सुथरी और दिल को छू लेने वाली है.इस जसगीत से बहुत ही प्रेरणा मिलती है.इसमें यह बताया गया है कि “दाई तोर ममता के करजा” मई कैसे उतारूं। जानी मानी कलाकार उर्वशी साहू ने जबरदस्त अभिनय किया है. कॉमेडी के लिए मशहूर चुलबुली अभिनेत्री ने दर्द भरा अभिनय किया है. निर्देशक मनोज दीप को उम्मीद थी कि उर्वशी साहू कॉमेडी के अलावा यह भावुक अभिनय भी बेहतर ढंग से कर लेगी। जिसमे उर्वशी साहू खरा उतरी है.स्वर दिया है विनोद वर्मा ने. गीत सरिता लहरे की है, संगीत दिया है विवेक शर्मा ने और इसे कैमरे में कैद किया है संजय महतो ने.