शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

कोरोना काल से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ी फिल्मों से जुड़े दिवंगत आत्माओं को फिल्मी परिवार द्वारा दी गई श्रद्धांजलि

रायपुर। पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ी सिनेमा ने 15 हस्तियों को खो दिया। उनकी स्मृति में आज शाम संस्कृति विभाग के ऑडिटोरियम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान सर्वसम्मति एक प्रस्ताव पारित हुआ कि दिवंगत कलाकार जिन क्षेत्रों में निवास करते थे वहां आसपास की एक सड़क का नामकरण उनके नाम किया जाए। छत्तीसगढ़ी सिनेमा ने पिछले दो वर्षों में लक्ष्मण मस्तूरिया ( गायक एवं गीतकार), भैयालाल हेड़ाउ (अभिनेता एवं गायक), कल्याण सेन (गायक एवं संगीतकार), क्षमानिधी मिश्रा (प्रोड्यूसर, डायरेक्टर एवं अभिनेता), एजाज़ वारसी (डायरेक्टर एवं अभिनेता), आशीष शेन्द्रे (अभिनेता), अरुण काचलवार (डायरेक्टर एवं अभिनेता), निशांत उपाध्याय (कोरियोग्राफर एवं अभिनेता), गजेन्द्र कुंबलकर (कोरियोग्राफर), मोहम्मद सिराज़ (संगीतकार), ज़फर इकबाल (गीतकार व गायक), अरूण बंछोर (फ़िल्म पत्रकार), धर्मेन्द्र सोनी (अभिनेता एवं फाइट मास्टर), महेश गजेन्द्र (फ़िल्म कलाकार), डॉ. प्रद्युमन तिवारी (अभिनेता) को खो दिया। छत्तीसगढ़ फ़िल्म प्रोड्यूसर एसोसियेशन, छग फ़िल्म इंडस्ट्री एसोसियेशन, अलाप आर्टिस्ट एसोसियेशन एवं छग ऑल आर्टिस्ट एसोसियेशन के संयुक्त तत्वावधान में दिवंगत आत्माओं के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। सर्वप्रथम आयोजन पर अभिनेता योगेश अग्रवाल एवं डायरेक्टर अनुपम वर्मा ने प्रकाश डाला। आदरांजलि कार्यक्रम में उपस्थित फ़िल्म परिवार से जुड़े लोगों को अवगत कराया गया कि हमने जिन हस्तियों को खोया है उनके नाम से किसी सड़क या गली का नामकरण होना चाहिए। इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर नगर निगम को भेजा जाएगा। दिवंगतों के सम्मान में संतोष जैन, सतीश जैन, मनोज वर्मा, प्रकाश अवस्थी, पुष्पेंद्र सिंह, डॉ. अजय सहाय, अशोक तिवारी, अनुमोद राजवैद्य, संजय मैथिल, अनिरुद्ध दुबे, राजेश मिश्रा, राजू शर्मा, देवेन्द्र पांडे, पल्लवी शिल्पी, मुकेश मिश्रा आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ी सिनेमा से जुड़े लोग उपस्थित थे।

शनिवार, 18 जून 2022

पारिवारिक, रोमांस और कॉमेडी से भरपूर फिल्म लव लेटर

-केसर सोनकर कलाकार - मन कुरैशी, सृष्टि तिवारी, उपासना वैष्णव, सरला सेन, हेमलाल कौशल, विनय अम्बष्ड, धर्मेन्द्र चौबे निर्माता- अमित जैन, तरुण सोनी निर्देशक- उत्तम तिवारी ईरा फिल्म्स और मां फिल्म्स के संयुक्त बैनर पर बनी फिल्म लव लेटर 17 जून को प्रदर्शित हुई। फिल्म के नायक राजा (मन कुरैशी) एक मध्यम वर्गीय परिवार का बेटा है और नायिका काजल (सृष्टि तिवारी) गांव के ठाकुर सिद्धांतवादी की बेटी है। सृष्टि तिवारी की यह पहली फिल्म है। लेकिन कहीं भी नहीं लगी कि यह उसकी पहली फिल्म है। नायक राजा के दोस्त कॉमेडियन गजनी (हेमलाल कौशल)के रुप दर्शकों को हंसाने में कोई कमी नहीं किया है। राजा छत्तीसगढिय़ा, राजा छत्तीसगढिय़ा-2, आई लव यू, आई लव यू-2 जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले उत्तम तिवारी ने एक बार फिर अपने दर्शकों के लिए लव लेटर लेकर आए हैं। फिल्म में सोशल मीडिया के दौर में भी प्रेमी-प्रेमिका अपने प्यार का ईजहार लव लेटर के माध्यम से करते दिखाया गया हैं। हर सीन को बेहतरीन तरीके से डायरेक्ट किया है। फिल्म की कहानी फिल्म की कहानी की शुरुआत कॉलेज के सीन से होती है। एक मध्यम वर्गीय बेटा राजा के प्रेम पर आधारित है। फिल्म में राजा (मन कुरैशी) पहली ही नजर में काजल (सृष्टि तिवारी) से प्यार करने लगता है। लेकिन तब तक उसका प्यार एकतरफा ही होता है। काजल उसे बिल्कुल भी भाव नहीं देती है। इस बीच गजनी बने कॉमेडी किंग हेमलाल कौशल और उनके दोस्त काफी कोशिश करते हैं कि काजल भी राजा से प्यार करने लगे। लेकिन सारी कोशिशें बेकार होती है। फिल्म मध्यांतर के बाद कहानी मोड़ लेती है जब काजल किसी और से शादी होने की बात कहती है। तो राजा अपने प्यार को पाने के लिए शोले के वीरू स्टाइल में राजा कोशिश करता है। लेकिन वो भी सफल नहीं हो पाता। इस बीच फिल्म में खूब हंसी मजाक भी होता है और दर्शक खूब इंजॉय करते हैं। और फिल्मों की अपेक्षा इस फिल्म में मारधाड़ कम ही है। फिल्म के सभी गाने कर्णप्रिय हैं। गाने का फिल्मांकन और कॉस्टयूम बहुत ही बढिय़ा है, दर्शकों जरूर पसंद आएगा। फिल्म का संगीत बहुत ही जोरदार है, खासकर बैकग्राऊंड म्युजिक। एडिटिंग काफी अच्छी है। उम्मीद है फिल्म युवा वर्ग को अपनी ओर जरुर खींचेगी। और आगे जानने के लिए आपको फिल्म जरूर देखनी होगी। तो अपने नजदीकी सिनेमाघरों में जरूर जाइए और फिल्म का आनंद लीजिए।

मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

हर रोल में परफेक्ट विजेता मिश्रा

– केसर सोनकर छॉलीवुड की विजेता मिश्रा जानी पहचानी एक अच्छी अभिनेत्री है। वे अच्छी डांसर भी है। कोई भी रोल हो , उसे करने से वह घबराती नहीं। विजेता का कहना है कि कोई भी रोल बड़ा या छोटा नही होता । फिल्म में हर रोल का एक अलग महत्व होता है। विजेता फिल्म ‘जानू आई लव यू यार’ में तेजस गोहेल के साथ लीड रोल में नजर आई । इस फिल्म को दर्शकों का बहुत प्यार मिला। इसके बाद फिल्म ‘असली कलाकार’ में खलनायिका के रोल को बखूबी निभाया और 2019-2020 का बेस्ट फीमेल खलनायिका का अवार्ड अपने नाम कर लिया। साईं कृष्णा फिल्म प्रोडक्शन के बैनर पर बन रही फिल्म कुरुक्षेत्र में विजेता एक अलग रोल में नजर आएगी। इस फिल्म में विजेता करन खान की बहन का रोल निभा रही है।

छत्तीसगढ़ की पहली नन्ही भरथरी गायिका महिमा सिंह राजपुत

– केसर सोनकर छत्तीसगढ़ की नन्ही गुडिय़ा मात्र 11 साल की महिमा सिंह राजपूत (मम्मो) फिल्म ‘भाई भाई के मया’ में दिखाई देगी। इस फिल्म में उन्होंने अपना रोल बखूबी निभाई है उम्मीद है कि यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आएगी। इस फिल्म में नन्हीं महिमा ने अपना सुमधुर स्वर भी दिया है। इतनी छोटी उम्र में महिमा सिंह अपना काम बहुत अच्छे से करती है। महिमा सिंह राजपूत आज किसी परिचय की मोहताज नहीं। उन्होंने कई स्टेज शो और कई सारी एल्बम में अपनी आवाज दे चुकी है। नन्हीं महिमा कई फिल्मों में अभिनय भी कर रही हैं। शुभ्रा फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही फिल्म भाई भाई के मया में नन्हीं महिमा का अभिनय कमाल का है। इस फिल्म में उनका अभिनय दर्शकों का दिल दहला देगी। वह अब तक 4-5 फिल्मों में अभिनय कर चुकी है। महिमा सिंह राजपुत मात्र 5 साल की उम्र से गाना गाना शुरु की। अपने पापा विक्की सिंह ठाकुर (टार्जन ) के स्टेज प्रोग्राम से गाना गाते गाते आज फिल्मों में भी अपनी आवाज दे रही है। महिमा हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी, जसगीत सभी गाना गा लेती है। महिमा छत्तीसगढ़ की पहली बेटी है जो सबसे कम उम्र में भरथरी गायन करती है। गौरतलब है कि युवा निर्देशक विक्की सिंह राजपुत (टार्जन) की बेटी महिमा बचपन से अपने पापा के साथ रहती थी। जब पापा विक्की सिंह राजपुत अपने कार्यक्रम में जाते तब नन्हीं महिमा भी साथ जाती थी। जब वह मात्र 3 साल की थी तब अपने पापा के स्टेज शो में गई। एक बार अचानक नन्हीं महिमा को माता (देवी माँ) की भूमिका निभाने का अवसर मिला और फिर 5 साल तक वह माता की भूमिका निभाई। तब से उसे अभिनय में रुचि हुई। फिर वह अपने पापा के स्टेज शो में साथ रहते रहते उसे गाने का शौक हुआ। मात्र पांच साल की उम्र में अपने पापा से माईक लेकर गाना शुरु की। तब से लेकर आज तक महिमा को अभिनय और गायन के प्रति काफी गहरी रुचि है वे इसके लिए बहुत ही मेहनत करती है। महिमा को गायिकी के साथ डॉक्टर बनने का भी शौक है। महिमा बहुत अच्छी पेंटिंग भी कर लेती है। वह अपनी मौसी दीपा के साथ रहकर पेंटिंग करना सीखी है।

उर्वशी साहू सफलता की ओर अग्रसर

उर्वशी साहू आज छत्तीसगढ़ में एक जान पहचाना नाम है उर्वशी ने अपने बेहतरीन अदाकारी के दम पर दर्शकों के दिल मे राज करते आ रही है . कोई भी रोल हो उर्वशी हर किरदार को अपने अभिनय से जीवंत कर देती है पर उन्हें दर्शकों का सबसे ज्यादा प्यार कामेडी में मिला. दर्शक उर्वशी और उपासना की जोड़ी जो कचरा बोदरा के नाम से काफी चर्चित है जिसे दर्शक बहुत पसंद करते है . उर्वशी साहू एक नामी कलाकार परिवार से चरणदास चोर , जमादारिन , बहादुर कलारिन, पोंगा पण्डित, हबीब तनवीर निर्देशित के गीतकार स्वर्ण कुमार साहू राजनादगांव की नातिन है प्रसिद्ध पंडवानी रेवाराम गणेश राम उनके दादा जी है . गोदना गोदा ले रीठा ले ले ,गाजामूंग कइसे के जावो पानी जैसे गीतकार ईश्वर लाल साहू की बेटी है . माता गिरीश साहू राजभारती आर्केस्टा की प्रथम गायिका की बेटी है .उर्वशी कहना है कि मेरे परिवार में कोई भी जीवित नही है , मैं अपने परिवार की कला यात्रा को जब तक जीवित हु आगे बढ़ते रहूंगी . उर्वशी कहती है कि इतने बड़े रचनाकार स्वर्ण कुमार साहू चरणदास चोर के गीतकार को कभी छत्तीसगढ़ में नाम व पहचान नहीं मिली. उर्वशी कहना है कि मैने सारे मंत्री लोगो के पास कई बार गई पर कभी सम्मान नई दिला पाई . इतने बड़े हबीब तनवीर के साथ रहकर देश विदेश तक जाने वाले और बड़े बड़े नाटकों के रचनाकार मेरे नाना जी स्वर्णकुमार साहू को मरणोपरन्त सम्मान मिलना चाहिए. एक कलाकार परिवार की बेटी होने के कारण मेरे अंदर कला के प्रति काफी रुचि है और दर्शोको का प्यार मिलता रहे यही प्रयास हमेशा करुँगी. उर्वशी कहती है कि आज के इस व्यस्त भरी जिंदगी में लोगो को हँसाना बहुत मुश्किल है . दर्शक आज हमें पसन्द करती है ये बहुत बड़ी उपलब्धि है .मैं समाज सेवा भी करती हूं ताकि मेरे परिवार को शांति मिल सके उर्वशी को ख्0क्स्त्र में माता कौशल्या सम्मान,छत्तीसगढ़ रत्न, कला साहित्य,सहित लगभग क्भ्0 सम्मान मिल चुका है . उर्वशी साहू का खुद का एक यूट्यूब चैनल है उर्वशी साहू इंटरटेनमेंट के नाम से जो आज छत्तीसगढ़ में काफी चर्चित है . उर्वशी ने हिंदी,साऊथ, भोजपुरी,सावधान इंडिया,जैसे बड़े बड़े प्रजेक्ट में भी अपनी अभिनय दिखा चुकी है. वे आने वाले समय मे बहुत जल्द अपने चैनल के लिए बड़े पर्दे की फि़ल्म निर्माण की योजना करने वाली है.

प्रमिला रात्रे का गायन से लेकर अभिनय तक का संघर्षमय जीवन

0 मात्र 300 रुपए महिने में गीतों के माध्यम से गांव के बच्चों को पढ़ाती थी 0 टेली फिल्म ‘मणिराम की बगिया’ से अभिनय की शुरुआत की - केसर सोनकर बचपन से ही संघर्ष करते आ रही प्रमिला रात्रे साक्षरता अभियान के अंतर्गत मास्टर कला जत्था की टीम के साथ गांव के लोगों को गीतों के द्वारा जागरुक करते थे। 18 साल की उम्र में उन्होंने अभिनय शुरु किया। वर्तमान में शॉर्ट फिल्म करने में व्यस्त है। वह कई रुपांतरित फिल्मों में भी काम की। बड़े परदे पर वह 5-6 फिल्मों में छोटाछोटा रोल निभायी है। वह चाहती है कि उसे बड़े परदे के लिए भी बड़ा रोल मिले। प्रमिला रात्रे ने बताया कि वह गांव में जन्मी और शहर में पढ़ाई की है। चंचल चुलबुली प्रमिला को 17 साल की उम्र में घर की जिम्मेदारी का बोझ उसे बड़ा बना दिया। बचपन से वह अपने दादा को गीत गाते और चिकारा बजाते देख उनके साथ गीत गाने का शौक हुआ। प्रमिला अपने दादा के साथ रहकर गीत गाना शुरु की फिर ग्राम कुर्रा, धरसींवा निवासी उनके मामा बसंत लहरी ने उसे रात रात भर गाना गाना सिखाए। अपने लोक कला मंच में गणेश चतुर्थी और 18 दिसम्बर को गुरुघासीदास स्मारक गिरौदपुरी में उसे गाना गाने का मौका दिए। इसके बाद वह गीत के साथ साथ नाटक भी करने लगी। फिर वह घर के आंगन में सेवा भारती में मात्र 300 रुपए महिने में गीतों के माध्यम से गांव के बच्चों को पढ़ाती थी। मास्टर कला जत्था की टीम के साथ नाटक और गीत के द्वारा गांव के लोगों को भी पढ़ाई के लिए जागरुक करते गए। उसके बाद वह 1995 में साक्षरता अभियान के अंतर्गत मास्टर कला जत्था में बतौर गायिका के रुप में 6000 रुपए में गाना गाना शुरु की। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की उम्र में उनकी अभिनय कला की शुरुआत हुई। उनके काम से प्रभावित होकर पत्रकार अजय शर्मा नेे सच्ची घटना पर आधारित एक टेली फिल्म ‘मणिराम की बगिया’ में काम करने का मौका दिया। यह फिल्म दिल्ली दूरदर्शन में बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड घोषित हुआ। फिर इसके बाद वह मिर्जा मसूद के नाटक मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी ‘गोदान’ से 1996 मेें नाटक की शुरुआत की, जो आज तक नहीं रुका है। फिर इसके बाद उसे कई रुपांतरित फिल्मों में काम करने का मौका मिलने लगा। वह शिमला, दिल्ली, भोपाल, ग्वालियर और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मंच पर बहुत सारे नाटक, नुक्कड़ की है। उन्होंने बताया कि मैंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से लोक संगीत में डिप्लोमा की है और शास्त्री सगीत में ग्रेजुएशन व ब् साल का मध्यमा अंतिम की है। छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘परदेसिया होगे’ में उन्होंने अपनी आवाज दी है। प्रमिला ने कहा कि जलील रिजवी , मिर्जा मसुद मेरे नाटक गुरु हैं। अब वह किसी अच्छे निर्देशक के साथ बड़े परदे पर काम करना चाहती है। -------------

फिल्म समीक्षा - मानव तस्कर पर आधारित फिल्म ‘प्रेमयुद्ध’

- केसर सोनकर कलाकार - जयेश, राजेश, अजय पटेल, वीणा सेन्द्रे, दिव्या यादव, पुष्पांजलि शर्मा, अनिल शर्मा, विक्रम राज, संजू साहू निर्देशक- सुमित मिश्रा प्रोड्यूसर - आशीष शर्मा फिल्म प्रेमयुद्ध आज 10 दिसम्बर को रिलीज हुई। फिल्म देखकर निकले दर्शकों के मन में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला कि इस फिल्म में फाइटिंग जबरदस्त है। फिल्म ड्र्ग्स और मानव तस्कर पर आधारित है। फिल्म के नायक जयेश और विलेन अजय पटेल और नायिका के रोल में ब्यूटी क्वीन वीणा सेन्द्रे है। नायिका की सहेली संजू साहू है। माता पिता की भूमिका अनिल शर्मा और पुष्पांजलि शर्मा ने निभाए हैं। अजय पटेल का फिल्मी कैरियर छॉलीवुड में ससुराल फिल्म से शुरुआत हुई है। ससुराल में दर्शकों का उन्हें बहुत प्यार मिला। फिल्म प्रेमयुद्ध में माफिया का किरदार में फिट नजर आए। माना जा रहा है कि इस फिल्म से छॉलीवुड को एक बड़ा बॉडी बिल्डर खलनायक मिला है। कहानी फिल्म की कहानी गांव के एक साहू परिवार के भाई बहन से शुरु होती है। भाई कृष्णा साहू (जयेश) और बहन काव्या साहू (दिव्या यादव) है। दोनों भाई बहन में बहुत प्यार रहता है। बहन काव्या का मानव तस्कर ने किडनैप कर लेता है। भाई कृष्णा पुलिस विभाग में पदस्थ है और डि़टेक्टिव रुप में अपनी बहन काव्या की तलाश करते है। इसी बीच नायिका रागिनी (वीणा सेन्द्रे) का कृष्णा से जुगाड़ू राजू (तरुण बघेल) का मोटर गैरेज में मुलाकात होती है और वह नायक को देखते ही वह उससे प्यार करने का नाटक करती है। नायिका रागिनी मानव तस्कर जावेद (अजय पटेल) से मिली रहती है। रागिनी ही काव्या का किडनैप करवाती है। फिल्म में शिवा (राजेश पंडया) का रोल काफी मजेदार है जो नायिका रागिनी को प्यार करता है। उसे शाहरुख खान स्टाइल में प्रपोज भी करता। शिवा (राजेश पंड्या) जुगाडू राजू (तरुण बघेल) के साथ मिलकर बीच बीच में कॉमेडी करते नजर आए। फिल्म में नायक कृष्णा (जयेश) और खलनायक जावेद (अजय पटेल) का फाइट देखते ही बनता है। साऊथ स्टाइल पर फाइट फिल्म में जान डाल दिया है। फिल्म में उर्वशी साहू और किशोर मंडल भी थोड़े ही समय के लिए नजर आए। फिल्म प्रेमयुद्ध कॉमेडी पारिवारिक है। फिल्म अच्छी बनी है। आगे फिल्म की कहानी जानने के लिये आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. फिल्म प्रेमयुद्ध का फिल्मांकन रायगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में हुआ है। फिल्म के डायरेक्टर सुमित मिश्रा ने कहानी को हर पहलू से मजबूत बनाने की कोशिश की है। फिल्म में गाने 5-6 है जो कर्णप्रिय है। गीत लिखे है सलाम ईरानी ने, संगीत सुनील सोनी का है। फाइटमास्टर मधु अन्ना का है। फिल्म की कास्टिंग भी काफी अच्छी की हैं।