पंजाबी फिल्म करने की तमन्ना है
- श्वेता शर्मा
छालीवूड़ में माही अहीर की धमाकेदार एंट्री हुई है। एक साल पहले माही ने छालीवूड़ की ओर रूख किया और इतने कम समय में उनके नाम एक हिन्दी और एक छत्तीसगढ़ी फिल्म है। इसके अलावा इन्होने कई शार्ट फिल्मे भी कर ली जिसमे श्री राजीव श्रीवास्तव की फिल्म छू लूंगी आसमान प्रमुख है। माही एजाज वारसी निर्देशित फिल्म अंधियार में अपनी भूमिका को बहुत ही चुनौतीपूर्ण मानती है। माही की दिली तमन्ना पंजाबी फिल्म करने की है। एक्टिंग के साथ साथ सिंगिंग उनका शौक है। इस समय माही क्लासिकल म्यूजिक की तालीम ले रही है। माही कहती है कि यहाँ छत्तीसगढ़ी फिल्मे इसलिए नहीं चलती क्योकि अच्छे लेवल की फिल्मे नहीं बनती।.माही छालीवुड में सभी प्रकार की भूमिका निभाना चाहती है ताकि उन्हें कटु अनुभव हो जाए। वे कहती है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो में गुणवत्ता हो तो जरूर थियेटरों में चलेगी। माही कहती है कि मुझे एक्टिंग का शौक नहीं रहा है। पापा के कहने पर इस क्षेत्र में आई हूँ। आज तक मैंने सिर्फ एक छत्तीसगढ़ी फूलम देखी है वह भी पापा ने बैठाकर जबरन दिखाया था। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए । थियेटरों की कमी को सरकार पूरा करे। यहां की फिल्मो में बहुत सारी कमियां होती है। फिल्मो में वो गुणवत्ता नहीं होती जो यहां के लोगो को चाहिए। माही कहती है कि शुरू से मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर नहीं चली हूँ। लेकिन अब इसी लाईन पर काम करती रहूंगी। मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी। वे कहती है कि हिन्दी फिल्में जरूर करना चाहेंगी और छत्तीसगढ़ को प्रमोट करने की बड़ी तमन्ना है। माही का आदर्श भी कोई नहीं है, ऐसा कोई है नहीं जिसे वे फालो करती हों। एजाज वारसी ने उन्हें हिन्दी फिल्मो में उनका काम देखकर छत्तीसगढ़ी फिल्म अंधियार में काम दिया है। वैसे एजाज ही हैं जिन्होंने माही को ब्रेक दिया है। वे कहती है कि एजाज जी के मार्गदर्शन में फिलहाल वे काम करते रहना चाहेंगी।
- श्वेता शर्मा
छालीवूड़ में माही अहीर की धमाकेदार एंट्री हुई है। एक साल पहले माही ने छालीवूड़ की ओर रूख किया और इतने कम समय में उनके नाम एक हिन्दी और एक छत्तीसगढ़ी फिल्म है। इसके अलावा इन्होने कई शार्ट फिल्मे भी कर ली जिसमे श्री राजीव श्रीवास्तव की फिल्म छू लूंगी आसमान प्रमुख है। माही एजाज वारसी निर्देशित फिल्म अंधियार में अपनी भूमिका को बहुत ही चुनौतीपूर्ण मानती है। माही की दिली तमन्ना पंजाबी फिल्म करने की है। एक्टिंग के साथ साथ सिंगिंग उनका शौक है। इस समय माही क्लासिकल म्यूजिक की तालीम ले रही है। माही कहती है कि यहाँ छत्तीसगढ़ी फिल्मे इसलिए नहीं चलती क्योकि अच्छे लेवल की फिल्मे नहीं बनती।.माही छालीवुड में सभी प्रकार की भूमिका निभाना चाहती है ताकि उन्हें कटु अनुभव हो जाए। वे कहती है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो में गुणवत्ता हो तो जरूर थियेटरों में चलेगी। माही कहती है कि मुझे एक्टिंग का शौक नहीं रहा है। पापा के कहने पर इस क्षेत्र में आई हूँ। आज तक मैंने सिर्फ एक छत्तीसगढ़ी फूलम देखी है वह भी पापा ने बैठाकर जबरन दिखाया था। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए । थियेटरों की कमी को सरकार पूरा करे। यहां की फिल्मो में बहुत सारी कमियां होती है। फिल्मो में वो गुणवत्ता नहीं होती जो यहां के लोगो को चाहिए। माही कहती है कि शुरू से मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर नहीं चली हूँ। लेकिन अब इसी लाईन पर काम करती रहूंगी। मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी। वे कहती है कि हिन्दी फिल्में जरूर करना चाहेंगी और छत्तीसगढ़ को प्रमोट करने की बड़ी तमन्ना है। माही का आदर्श भी कोई नहीं है, ऐसा कोई है नहीं जिसे वे फालो करती हों। एजाज वारसी ने उन्हें हिन्दी फिल्मो में उनका काम देखकर छत्तीसगढ़ी फिल्म अंधियार में काम दिया है। वैसे एजाज ही हैं जिन्होंने माही को ब्रेक दिया है। वे कहती है कि एजाज जी के मार्गदर्शन में फिलहाल वे काम करते रहना चाहेंगी।
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