बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

पिता के नक्शे कदम पर अंशू चौबे

छोटी उम्र, बड़ी कामयाबी
- अरुण बंछोर
जब पिता के नक़्शे कदम पर बेटा चलने लगता है तब बाप का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. इसका एक छोटा सा उदाहरण है अंशु चौबे। छत्तीसगढ़ के जाने माने निर्माता, निर्देशक, अभिनेता धर्मेंद्र चौबे के बेटे अंशु चौबे
अपने पिता के नक़्शे कदम पर चल रहे हैं. उम्र छोटी जरूर है पर उन्होंने काम बड़ा किया है. एक शार्ट फिल्म का ना केवल निर्देशन किया है बल्कि कहानी भी खुद ही लिखे हैं पटकथा संवाद सब कुछ उन्ही का ही है. ये सब गुण धर्मेंद्र चौबे में है.अंशु भी एक अभिनेता के रूप में उभरकर सामने आया है | अपने पिता के प्रोडक्शन हाउस में बनी " बरात ले के आ जा" फिल्म में अपने ही पिता के बचपन का रोल निभाया है. उनमे जोश और कुछ कर गुजरने का जज्बा है. फिल्म के सेट पर पिता पुत्र धर्मेंद्र और अंशू दोनों ही हमें मिले तो हमने अंशु से बात की. उनका कहना है कि आगे चलकर अपने पिता की तरह ही एक अच्छे निर्माता, निर्देशक और अभिनेता बनना चाहेंगे। अंशु चौबे का कहना है कि मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। स्कूल में नाटकों में भाग लिया करता था ,जब जब टीवी देखता था तब तब मुझे लगता था कि मुझे भी कुछ बनना चाहिए। वे अपने पिता धर्मेंद्र चौबे को ही अपना रोल मॉडल और प्रेरणाश्रोत मानते हैं. उनके मन में आया तो बिना किसी की मदद के एक शार्ट फिल्म भी बना डाला। वे कहते हैं कि शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चला था। अब इसी लाईन पर काम करता रहूंगा। लगातार काम करूंगा। मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा , लेकिन चुनौतीपूर्ण रोल ज्यादा पसंद है। अपनी ख्वाहिश बताते हुए अंशु कहते हैं कि छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है। मै चाहता हूँ कि लोग मुझे बेस्ट फिल्मकार के रूप में जानें।
मुझे गर्व है उनके काम पर - धर्मेंद्र
निर्माता, निर्देशक, अभिनेता धर्मेंद्र चौबे अपने बेटे अंशु चौबे पर काफी गर्व महसूस करते हैं. वे कहते हैं की मेरा बेटा मुझसे भी ज्यादा अच्छा काम करे तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा। वे एक अच्छे निर्माता, निर्देशक, अभिनेता बने यही तमन्ना है. उनकी दिलचस्पी को देखकर ही फिल्म " बरात ले के आ जा" में उन्हें मौका दिया है. उन्होंने शानदार अभिनय किया है.

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