- ० बतौर सेलेब्रिटी गेस्ट अनेक कार्यक्रमों मेँ आमंत्रण
- ० अवसर था दादासाहेब फाल्के आईकान अवार्ड्स समारोह
छत्तीसगढ़ के जाने माने अभिनेता एवं चिकित्सक डॉ अजय मोहन सहाय की उपलब्धियां इतनी अधिक है कि हम उँगलियों में नहीं गिन सकते। अब उन्होंने बालीवुड में भी बनाई खास जगह बना ली है. दादासाहेब फाल्के फाउंडेशन अवार्ड्स से सम्मानित डॉ सहाय बतौर सेलेब्रिटी गेस्ट अनेक कार्यक्रमों मेँ शिरकत कर छत्तीसगढ़ का नाम देश में रौशन किया है. 6 सितम्बर कॊ मुम्बई के रंग शारदा ऑडिटोरियम में आयोजित दादासाहेब फाल्के आईकान अवार्ड्स समारोह के रंगारंग कार्यक्रम मेँ पूरा हॉल बालीवुड व टीवी स्टार्स से भरा हुआ था। इस कार्यक्रम मेँ छत्तीसगढ़ के सदा बहार अभिनेता डॉ अजय सहाय के कर कमलों द्वारा लाईफ टाइम अचीवमेंटस के लिए कोरियोग्राफी की दुनिया की सरताज सरोज खान कॊ दादा साहेब फाल्के आईकान अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। डॉ सहाय ने राजपाल यादव, गरिमा अग्रवाल, के के गोस्वामी कॊ भी सम्मानित किया। इस समारोह के मुख्य आयोजक कल्याण जी थें
हर दिन एक नई उपलब्धि
डॉ सहाय मानों एक जुनून ले कर पैदा हुए हैं कि उन्हें हर क्षेत्र में शीर्ष पर रहना है। उसके लिए चौबीसों घंटे मेहनत भी करते हैं, यात्रायें भी बहुत करते हैं औऱ हर पहलू पर गहन शोध भी करते हैं । हाल ही मेँ उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में फिर कई राष्ट्रीय स्तर के सम्मान मिले।
डॉ अजय मोहन सहाय किसी परिचय के मोहताज नहीं है फिर भी हम बता रहे हैं क्योकि उनकी उपलब्धि बहुत ज्यादा है. नायक ,खलनायक ,लेखक ,निर्देशक साहित्यकार, कवि, रंगकर्मी, पटकथा जैसे अनेक कला किसी एक व्यक्ति में हो ऐसे बिरले ही होते है और यह सब कला है डॉ अजय मोहन सहाय में। छत्तीसगढ़ी फिल्मो का वे एक आधार स्तम्भ है। उन्होंने एक नहीं कई भाषाओं की फिल्मो में अभिनय कर सबके सामने एक चुनौती पेश की है। पांच भाषाओं में अभिनय करना भी एक रिकार्ड है। जितने अच्छे वे मधुमेह व् हृदयरोग विशेषज्ञ है उतने ही बेहतर कलाकार है। डॉ सहाय को कला विरासत में मिली है। माँ से कला मिली है तो पिता से शिक्षा। छालीवुड में डॉ सहाय एक ऐसे नायक खलनायक लेखक ,निर्देशक है जिन्होंने फिल्म उद्योग पर हर भूमिका में एकछत्र राज कर रहे हैं और अपने अभिनय का लोहा मनवाया है।
उनके स्वाभाविक अभिनय और प्रतिभा की पराकाष्ठा ही थी कि लोगों के बीच वे काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने जितने भी फिल्मों में रोल किया उसे देखकर ऐसा लगता है कि उनके द्वारा अभिनीत पात्रों का किरदार केवल वे ही निभा सकते थे। उनकी अभिनीत भूमिकाओं की यह विशेषता रही है कि उन्होंने जितनी भी फिल्मों मे अभिनय किया उनमें हर पात्र को एक अलग अंदाज में दर्शकों के सामने पेश किया। रूपहले पर्दे पर डॉ सहाय ने जितने रोल किए उनमें वह हर बार नए तरीके से संवाद बोलते नजर आए। अभिनय करते समय वे उस रोल में पूरी तरह डूब जाते हैं।