शनिवार, 7 जुलाई 2018

स्टार कलाकारों से सजी है फिल्म " आई लव यू "

सुनील मानिकपुरी के रूप में छालीवुड को मिला नया खलनायक
फिल्म कम बजट की हो और उसमे सारे स्टार कलाकार हो ऐसा कम ही होता है , लेकिन यह बिलकुल सच है. छालीवुड के लोकप्रिय कलाकार मोहन सुंदरानी की फिल्म फिल्म " आई लव यू " में कुछ ऐसा ही है. निर्माता लखी सुंदरानी है जिन्होंने कई हिट फि़ल्में छालीवुड को दी है.निर्देशक उत्तम तिवारी ने लोरिक चन्दा, मितान 420, मया के चि_ी, सरपंच, रिकार्ड ब्रेक राजा छत्तीसगढिय़ा जैसे फिल्मों का निर्देशन किया है.फिल्म " आई लव यू " के छायाकार है तोरण राजपूत जिनकी गिनती श्रेष्ठ छायाकारों में होती है.छालीवुड के सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर निशांत उपाध्याय ने इस फिल्म में भी नृत्य निर्देशन की जिम्मेदारी निभाई है.अब कलाकारों की बात करें तो बीए फर्स्ट ईयर की सुपर हिट जोड़ी मन कुरैशी और मुस्कान साहू एक बार फिर साथ नजर आएंगे। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड जीत चुकी अनिकृति चौहान भी इस फिल्म में नायिका की भूमिका में है. इनके अलावा छत्तीसगढ़ के स्टार कलाकार प्रदीप शर्मा, आशीष शेंद्रे ,उपासना वैष्णव, उर्वशी साहू,पुष्पेंद्र सिंह, संगीता निषाद, निशा चौबे, मनीषा वर्मा जैसे कलाकारों से फिल्म सजी हुई है. ये सारे कलाकार श्रेष्ठ हैं. छत्तीसगढ़ के अच्छे गायकों में शुमार सुनील मानिकपुरी जिनके गाने हमर पारा तुंहर पारा ने देश भर में इन्हे नई पहचान दी है. एक करोड़ लोगो ने ये गाने यूं ट्यूब पर लाइक किये हैं.चुरकी मुरकी के नाम से प्रसिद्द उपासना वैष्णव और उर्वशी साहू की कॉमेडी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेगी और उसका साथ देंगे मशहूर कॉमेडियन हेमलाल। श्री मोहन सुंदरानी ने इस फिल्म में अपनी पोती सानवी सुंदरानी को मौका दिया है.जो दर्शकों को पसंद आएगा। फिल्म " आई लव यू " की खासियत यह है कि बहुत कम बजट में बहुत अच्छी स्टारकास्ट फिल्म बनी है.फिल्म की पूरी शूटिंग कांकेर की हसीनवादियों में हुई है. फिल्म ग्रामीण परिवेश से ओतप्रोत है.जंगली जानवरों के साये में फिल्म की शूटिंग की गयी है.अब इस फिल्म का दर्शक बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं. खबर के मुताबिक़ यह फिल्म जुलाई के अंत में या फिर अगस्त के प्रथम सप्ताह में रिलीज होगी।
छत्तीसगढ के भीष्म पितामह
छत्तीसगढ़ी फिल्मों के भीष्म पितामह एवं गुलशन कुमार के नाम से मशहूर मोहनचंद सुंदरानी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। छत्तीसगढ़ के कलाकारों को खोज-खोजकर तराशना और आगे बढ़ाना उनके जीवन का मकसद है। वे कहते हैं कि छोटे-छोटे कलाकारों को आगे बढ़ाने में उन्हें एक सुखद अनुभूति का एहसास होता है। आज भी वे गांव-गांव, गली-गली में कलाकारों की तलाश में भटकते रहते हैं। उन्हें मंच देते है उनका उत्साह बढ़ाते है। इसी कड़ी में मोहन सुंदरानी ने 2006, 10 अगस्त से 2008 दिसम्बर तक लगभग 6000 गांवों से अधिक गांवों में लोक कलाकार रथयात्रा का आयोजन कर भ्रमण किया। सुंदरानी हमेशा गरीब व जरुरत मंद लोक कलाकारों की समय-समय पर आर्थिक मदद करने में भी कभी संकोच नहीं करते।

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