मेहनत मेरा भगवान,, मेरा व्यवहार मेरी पूंजी- भुनेश साहू
बचपन मे गांव - गांव जा कर रामायण मंडली का टिकाकर, शादी -व्याह में ढोल बजाने वाले लड़के, गली -गली में जाकर पेंटिंग करने वाले चित्रकार ,, बच्चो का टीचर आज बन गया है हीरो। भुनेश साहू निर्माता चोवा साहू के फि़ल्म सुंदर मोर छत्तीसगढ़ से बतौर हीरो अपने नई करियर की पारी शुरू की है। साथ ही फि़ल्म रिलीज से पहले ही निर्देशक नीरज श्रीवास्तव की फि़ल्म असली कलाकर के लिए भी साइन कर लिया गया है, जिसकी बहुत ही जल्दी शूटिंग प्रारम्भ होने वाली है। इसके अलावा निर्माता फि़ल्म, और मया के बल के लिए भी बात हो रही है। भुनेश साहू बताते है कि मुझे कोई भी काम करने में शर्म नही है।मैंने अपनी जिंदगी में हर तरह का काम किया है , और आज भी सुबह 9 से 3 बजे तक ड्यूटी (शिक्षक) करता हूँ, 4 बजे से 7 तक पेंटिंग करता हूँ। और रात में स्क्रिप्ट या एक्टिंग के ऊपर काम करता हूँ । वे कहते हैं कि मेहनत मेरा भगवान,, मेरा व्यवहार मेरी पूंजी।
फिल्मी करियर के बारे में पूछने पर उनका कहना है कि, मुझे अपने भाषा और बोली से बहुत ज्यादा प्यार होने के वजह से, लगातार छत्तीसगढ़ी फिल्मो की ओर आकर्षित हुआ और छत्तीसगढ़ के सुपर स्टार, अनुज शर्मा , करन खान, प्रकाश अवस्थी जैसे सितारों को देखकर ही मै फिल्मो की ओर आकर्षित हुआ और आकर्षण ही एक दिन जुनून का रूप ले लिया। लगातार 3 साल तक प्रयास करने के बाद कोई रिजल्ट हाथ नही लगा तो , समझ गया था कि कुछ तो कमी है ! 2-3 साल तक ब्रेक करके मेहनत करते गया, इस दौरान रातो की नींद उड़ जाती थी कि ऐसा क्या करूँ,, की मुझे फिल्मो में मौका मिल जाये,, लेकिन ऊपर वाले के ऊपर भरोसा था कि मेहनत कभी बेकार नही जाएगा। आखिरकार निर्माता चोवा राम साहू की फि़ल्म में बतौर हीरो मुझे मौका मिल गया। आप छत्तीसगढ़ की किस कलाकार को आदर्श मानते हो? के जवाब में, भुनेश का कहना है कि इंडस्ट्री के हर इंसान जो, इनडायरेक्टली, डायरेक्टली छालीवुड को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से आगे बढ़ाने के प्रयाश कर रहे है वो सब मेरे आदर्श है।
बचपन मे गांव - गांव जा कर रामायण मंडली का टिकाकर, शादी -व्याह में ढोल बजाने वाले लड़के, गली -गली में जाकर पेंटिंग करने वाले चित्रकार ,, बच्चो का टीचर आज बन गया है हीरो। भुनेश साहू निर्माता चोवा साहू के फि़ल्म सुंदर मोर छत्तीसगढ़ से बतौर हीरो अपने नई करियर की पारी शुरू की है। साथ ही फि़ल्म रिलीज से पहले ही निर्देशक नीरज श्रीवास्तव की फि़ल्म असली कलाकर के लिए भी साइन कर लिया गया है, जिसकी बहुत ही जल्दी शूटिंग प्रारम्भ होने वाली है। इसके अलावा निर्माता फि़ल्म, और मया के बल के लिए भी बात हो रही है। भुनेश साहू बताते है कि मुझे कोई भी काम करने में शर्म नही है।मैंने अपनी जिंदगी में हर तरह का काम किया है , और आज भी सुबह 9 से 3 बजे तक ड्यूटी (शिक्षक) करता हूँ, 4 बजे से 7 तक पेंटिंग करता हूँ। और रात में स्क्रिप्ट या एक्टिंग के ऊपर काम करता हूँ । वे कहते हैं कि मेहनत मेरा भगवान,, मेरा व्यवहार मेरी पूंजी।
फिल्मी करियर के बारे में पूछने पर उनका कहना है कि, मुझे अपने भाषा और बोली से बहुत ज्यादा प्यार होने के वजह से, लगातार छत्तीसगढ़ी फिल्मो की ओर आकर्षित हुआ और छत्तीसगढ़ के सुपर स्टार, अनुज शर्मा , करन खान, प्रकाश अवस्थी जैसे सितारों को देखकर ही मै फिल्मो की ओर आकर्षित हुआ और आकर्षण ही एक दिन जुनून का रूप ले लिया। लगातार 3 साल तक प्रयास करने के बाद कोई रिजल्ट हाथ नही लगा तो , समझ गया था कि कुछ तो कमी है ! 2-3 साल तक ब्रेक करके मेहनत करते गया, इस दौरान रातो की नींद उड़ जाती थी कि ऐसा क्या करूँ,, की मुझे फिल्मो में मौका मिल जाये,, लेकिन ऊपर वाले के ऊपर भरोसा था कि मेहनत कभी बेकार नही जाएगा। आखिरकार निर्माता चोवा राम साहू की फि़ल्म में बतौर हीरो मुझे मौका मिल गया। आप छत्तीसगढ़ की किस कलाकार को आदर्श मानते हो? के जवाब में, भुनेश का कहना है कि इंडस्ट्री के हर इंसान जो, इनडायरेक्टली, डायरेक्टली छालीवुड को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से आगे बढ़ाने के प्रयाश कर रहे है वो सब मेरे आदर्श है।
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