छत्तीसगढ़ के लोकगायक दिलीप राय आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है.एलबम और यूं ट्यूब में अपनी आवाज के करिये लाखों लोगो के दिलों में राज कर रहे हैं.एवीएम स्टूडियो के संचालक संतोष कुर्रे का दिलीप राय को मंच देने और आगे बढ़ाने में बहुत बड़ा हाथ है. दिलीप बताते है कि उन्हें गाने का शौक बचपन से ही रहा है। गाने में रूचि शुरू से ही था पर मौका नहीं मिल रहा था। वे बहुत कुछ करना चाहता है इस क्षेत्र में। गायन में जगह बनाने के लिए उन्होंने बहुत ही प्रेक्टिस की है और उनकी मेहनत का ही फल है कि आज वे इस मुकाम पर है। हमने दिलीप राय से हर पहलुओं पर बेबाक बात की है. पेश है उनसे हुई बातचीत के सम्पादित अंश.
आपको गाने का शौक कब से है ?
मुझे गाने का शौक बचपन से ही रहा है। गाने में रूचि शुरू से ही था पर मौका नहीं मिल रहा था। मैं बहुत कुछ करना चाहता हूँ इस क्षेत्र में ।
आप सुरीली आवाज में कैसे गा लेते हैं?
इसके लिए मैंने बहुत ही प्रेक्टिस की है और मेरी मेहनत का ही फल है कि आज मैं इस मुकाम पर हूँ।
घरेलू कामकाज के बावजूद गाने के लिए समय कैसे निकाल लेते हैं?
निकालना पड़ता है वह भी जीवन का एक हिस्सा है। मन में लगन हो तो सब कुछ संभव है।
आज के युवा पुराने गीतों को महत्त्व नहीं देते क्यों?
ऐसा नहीं है आज भी पुराने गानों के प्रति लोगो का रुझान है। पुराने गीत सदाबहार है और रहेंगे।
आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
मैंने अपने से ही गाने की शुरुआत की है और काफी संघर्ष भी किया है। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है।
कभी आपने सोचा था की गानों में इतना लोकप्रिय हो जाएंगे?
नहीं ! पर अब लगता है कि गाने ने मुझे ज्यादा लोकप्रिय बना दिया है।
कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
जब संतोष कुर्रे ने मुझे बेहतर गाने और आवाज के लिए मंच प्रदान किया।
ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
कभी नहीं। मैं कभी निराश नहीं होता।
आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहते हो ?
00 मेरा सपना है कि गानों के जरिये लोगो के दिलों में छा जाऊं।
आपको गाने का शौक कब से है ?
मुझे गाने का शौक बचपन से ही रहा है। गाने में रूचि शुरू से ही था पर मौका नहीं मिल रहा था। मैं बहुत कुछ करना चाहता हूँ इस क्षेत्र में ।
आप सुरीली आवाज में कैसे गा लेते हैं?
इसके लिए मैंने बहुत ही प्रेक्टिस की है और मेरी मेहनत का ही फल है कि आज मैं इस मुकाम पर हूँ।
घरेलू कामकाज के बावजूद गाने के लिए समय कैसे निकाल लेते हैं?
निकालना पड़ता है वह भी जीवन का एक हिस्सा है। मन में लगन हो तो सब कुछ संभव है।
आज के युवा पुराने गीतों को महत्त्व नहीं देते क्यों?
ऐसा नहीं है आज भी पुराने गानों के प्रति लोगो का रुझान है। पुराने गीत सदाबहार है और रहेंगे।
आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
मैंने अपने से ही गाने की शुरुआत की है और काफी संघर्ष भी किया है। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है।
कभी आपने सोचा था की गानों में इतना लोकप्रिय हो जाएंगे?
नहीं ! पर अब लगता है कि गाने ने मुझे ज्यादा लोकप्रिय बना दिया है।
कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
जब संतोष कुर्रे ने मुझे बेहतर गाने और आवाज के लिए मंच प्रदान किया।
ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
कभी नहीं। मैं कभी निराश नहीं होता।
आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहते हो ?
00 मेरा सपना है कि गानों के जरिये लोगो के दिलों में छा जाऊं।
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