गुरुवार, 7 नवंबर 2019

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को पूरी दुनिया में बिखेरेंगी नन्ही बच्चियां

मोहन सुंदरानी खोजने और तरासने में जुटे हैं
- श्रीमती केशर सोनकर 

 
अपनी संस्कृति की पहचान देश भर में हो ये कौन नहीं चाहेगा। जी हाँ, राज्य की छोटी छोटी होनहार बच्चियां छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को देश भर में बिखेर रही है. और यह संभव हो रहा है छालीवुड के भीष्मपितामह मोहन सुंदरानी के माध्यम से. श्री सुंदरानी ऐसी छोटी छोटी कलाकारों को खोज खोज कर तराशने में जुटे हुए हैं. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति बारहमासी गीत कर्मा, ददरिया, जसगीत भजन आदि को देश विदेश में ये नन्ही बच्चियां अपनी आवाज के माध्यम से पहुंचा रही है.अभी हाल ही में आरू साहू को सुंदरानी वीडियो वर्ल्ड ने गौरा गौरी गीत से और स्वेच्छा साहू को सतनामी पंथी गीत से लांच किया। इन दोनों बालिकाओं ने कुछ ही दिनों में पूरे विश्व में धूम मचा दी है. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की पहचान पूरी दुनिया में छाने लगी है. श्री मोहन सुंदरानी का उद्देश्य छत्तीसगढ़ी गीत संगीत और संस्कृति को दुनिया में पहचान दिलाना है. सानवी सुंदरानी की कला भी मोहन सुंदरानी की देन है. सानवी से भी छत्तीसगढ़ी गीत गवा रहे हैं। इसके पूर्व स्वर्णा दिवाकर और गरिमा दिवाकर को भी श्री सुंदरानी ने लांच किया था आज दिवाकर बहनें छत्तीसगढ़ की शान बनी हुई है. गौरा - गौरी, बिहाव गीत, पंथी ,राम- कृष्ण के गीतों ने उन्हें काफी लोकप्रिय बना दिया है। श्री सुंदरानी छत्तीसगढ़ के गाँव गाँव घूमकर ऐसी ही प्रतिभाओं की खोज कर रहे हैं.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें