सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुष्पेंद्र सिंह
छत्तीसगढ़ के जाने माने स्टार पुष्पेन्द्र सिंह में खूबियों का खजाना है। वे एक अच्छे कलाकार है तो उतने ही अच्छे निर्माता निर्देशक और लेखक भी हैं। पुष्पेंद्र सिंह 2015 के सर्वश्रेष्ठ खलनायक है। छालीवुड स्टारडम ने उन्हें 5 मार्च को सिने अवार्ड समारोह में इस खिताब से नवाजा था। उन्हें अपने काम के प्रति जूनून है। उनका कहना है कि - कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती , लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती। उन्हें आज भी गॉडफादर जैसे रोल का इन्तजार है, जो किसी के जीवन पर आधारित हो। पुष्पेन्द्र सिंह मुम्बई में भी अपनी कला का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने सीरियलों में 100 से ज्यादा एपिशोड कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के भविष्य के बारे में उनका कहना है कि जब तक टेक्नीकल क्षेत्र में एक्सपर्ट लोग नहीं होंगे तब तक ऐसी ही कमजोर फिल्मे बनती रहेंगी। यहां जिसे जो नहीं आता वही करते हैं । गायक निर्देशक बन जाता है। कोई भी फाइट मास्टर बन जाता है। कोई प्लानिंग नहीं होती जो पैसा नहीं लेते वही कलाकार यहाँ चलते है। तो आप अंदाज लगा ले कैसी फिल्मे बनेंगी।
पुष्पेंद्र सिंह थिएटर से अपने करियर की शुरुआत की है और आज एक मंजे हुए बड़े कलाकार हैं । सलमा सुलतान की धारावाहिक सुनो कहानी में जब उन्हें मौका मिला तो फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने भारतभूषण जैसे महान एक्टर के साथ काम किया है। पुष्पेंद्र जी बताते हैं कि मेरी कला मेरे पिताजी की देंन है। एक कार्यक्रम में कृष्ण बनाकर मुझे जबरन खड़ा कर दिए थे वही मेरे प्रेरणाश्रोत है। आगे बढऩे में मेरी पत्नी का भी बहुत सहयोग है। जिसके कारण मैं कलाकार हूँ । मै बार बार टूटता हूँ ,बार बार सम्हालता हूँ । मुझे ढर्रे पर जीना नहीं आता। यहां आलोचना करने वाले तो बहुत मिल जाएंगे पर साथ देने वाले नहीं। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होप्ती , लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती। बस मै यही जानता हूँ।
नायिकाओं की कमी है
पुष्पेंद्र की नजर में छत्तीसगढ़ में नायिकाओं की कमी जरूर है। लडकिया बहुत है पर अच्छे घरों की लडकियां इस फिल्ड में आना नहीं चाहती क्योकि उन्हें वो सम्मान नहीं मिलता जो वो चाहतीं हैं। इसलिए कमी बनी हुई है। मै साल में दो ही फिल्मों में काम करूंगा पर अच्छा करूंगा। मैंने अपना ग्रुप तैयार किया है एसपी इंटरटेनमेंट के बैनर पर हमने काम शुरू किया है। इस क्षेत्र में काम करते रहेंगे। उनका ये बी कहना है कि मुझे आज तक पसंद का रोल नहीं मिला। साइलेंट करेक्टर चाहिए ,पता नहीं कभी मिल पायेगा या नही।गॉडफादर जैसे रोल करने की तमन्ना है, जो किसी के जीवन पर आधारित हो। जैसे महात्मा गांधी।
छत्तीसगढ़ के जाने माने स्टार पुष्पेन्द्र सिंह में खूबियों का खजाना है। वे एक अच्छे कलाकार है तो उतने ही अच्छे निर्माता निर्देशक और लेखक भी हैं। पुष्पेंद्र सिंह 2015 के सर्वश्रेष्ठ खलनायक है। छालीवुड स्टारडम ने उन्हें 5 मार्च को सिने अवार्ड समारोह में इस खिताब से नवाजा था। उन्हें अपने काम के प्रति जूनून है। उनका कहना है कि - कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती , लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती। उन्हें आज भी गॉडफादर जैसे रोल का इन्तजार है, जो किसी के जीवन पर आधारित हो। पुष्पेन्द्र सिंह मुम्बई में भी अपनी कला का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने सीरियलों में 100 से ज्यादा एपिशोड कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के भविष्य के बारे में उनका कहना है कि जब तक टेक्नीकल क्षेत्र में एक्सपर्ट लोग नहीं होंगे तब तक ऐसी ही कमजोर फिल्मे बनती रहेंगी। यहां जिसे जो नहीं आता वही करते हैं । गायक निर्देशक बन जाता है। कोई भी फाइट मास्टर बन जाता है। कोई प्लानिंग नहीं होती जो पैसा नहीं लेते वही कलाकार यहाँ चलते है। तो आप अंदाज लगा ले कैसी फिल्मे बनेंगी।
पुष्पेंद्र सिंह थिएटर से अपने करियर की शुरुआत की है और आज एक मंजे हुए बड़े कलाकार हैं । सलमा सुलतान की धारावाहिक सुनो कहानी में जब उन्हें मौका मिला तो फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने भारतभूषण जैसे महान एक्टर के साथ काम किया है। पुष्पेंद्र जी बताते हैं कि मेरी कला मेरे पिताजी की देंन है। एक कार्यक्रम में कृष्ण बनाकर मुझे जबरन खड़ा कर दिए थे वही मेरे प्रेरणाश्रोत है। आगे बढऩे में मेरी पत्नी का भी बहुत सहयोग है। जिसके कारण मैं कलाकार हूँ । मै बार बार टूटता हूँ ,बार बार सम्हालता हूँ । मुझे ढर्रे पर जीना नहीं आता। यहां आलोचना करने वाले तो बहुत मिल जाएंगे पर साथ देने वाले नहीं। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होप्ती , लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती। बस मै यही जानता हूँ।
नायिकाओं की कमी है
पुष्पेंद्र की नजर में छत्तीसगढ़ में नायिकाओं की कमी जरूर है। लडकिया बहुत है पर अच्छे घरों की लडकियां इस फिल्ड में आना नहीं चाहती क्योकि उन्हें वो सम्मान नहीं मिलता जो वो चाहतीं हैं। इसलिए कमी बनी हुई है। मै साल में दो ही फिल्मों में काम करूंगा पर अच्छा करूंगा। मैंने अपना ग्रुप तैयार किया है एसपी इंटरटेनमेंट के बैनर पर हमने काम शुरू किया है। इस क्षेत्र में काम करते रहेंगे। उनका ये बी कहना है कि मुझे आज तक पसंद का रोल नहीं मिला। साइलेंट करेक्टर चाहिए ,पता नहीं कभी मिल पायेगा या नही।गॉडफादर जैसे रोल करने की तमन्ना है, जो किसी के जीवन पर आधारित हो। जैसे महात्मा गांधी।
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