शनिवार, 23 अप्रैल 2016

बदल गए हैं छालीवुड के सर्वश्रेष्ठ चहरे

मनोज जोशी, पवन गुप्ता, क्षमानिधि मिश्रा ,उपासना वैष्णव, मनोजदीप ,उर्वशी साहू, पुष्पांजली शर्मा , ललित उपाध्याय है अब श्रेष्ठ
छालीवुड के एक से बढ़कर एक कलाकार हैं लेकिन सर्वश्रेष्ठ कलाकारों के चेहरे इस बार बदल गए है। मनोज जोशी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता हैं तो पवन गुप्ता सर्वश्रेष्ठ निर्देशक हैं। क्षमानिधि मिश्रा सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन है , तो उर्वशी साहू सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेत्री हैं। उपासना वैष्णव सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री , पुष्पांजली शर्मा सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेत्री ललित उपाध्याय सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेता और मनोजदीप सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर हैं।
   - अरुण बंछोर
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सर्वश्रेष्ठ अभिनेता मनोज जोशी
छालीवुड ने इस बार इतिहास रचा। पहली बार रायपुर से बाहर भिलाई के कलाकारों ने अवार्ड में बाजी मारी। फिल्म तोर खातिर के नायक मनोज जोशी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड हासिल कर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की । मनोज ने न केवल बेहतर अभिनय किया बल्कि अपने संवाद और एक्शन से सबका दिल जीत लिया। पहले छालीवुड स्टारडम ने फिर फि़ल्मी छत्तीसगढ़ ने उन्हें बेस्ट हीरो का अवार्ड दिया तो पूरी स्टेडियम तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। मनोज में अपना अवार्ड तोर खातिर की टीम को समर्पित करते हुए कहा की यह मेरे जीवन का अनमोल क्षण है। उन्होंने कहा की हमारी पूरी टीम ने इस फिल्म में बहुत मेहनत की थी। रात दिन हम एक कर दिए थे। हमारी मेहनत आज सफल रही। थैंक्स छॉलीवुड स्टारडम, थैंक्स फि़ल्मी पत्रिका।

सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पवन गुप्ता
फिल्म तोर खातिर के निर्देशक पवन गुप्ता ने भी इस बार इतिहास रचते हुए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवार्ड अपने नाम कर लिया । उनके निर्देशन में बनी यह पहली फिल्म है और इस फिल्म ने अभिनेता अभिनेत्री डायरेक्टर सहित 14 अवार्ड हासिल कर एक नया कीर्तिमान बनाया है। पवन गुप्ता ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवार्ड लेने के बाद छालीवुड स्टारडम के मंच से कहा की यह मेरी पहली फिल्म है और पहली ही फिल्म में अवार्ड लेकर मै नबहत ही गर्व का अनुभव कर रहा हूँ। मेरे सारे कलाकारों ने बहुत सहयोग किया जिसके चलते आज मै यह मुकाम हासिल कर पाया हूँ। पवन गुप्ता पहले ऐसे निर्देशक बन गए हैं जिन्होंने 1पहली ही फिल्म में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का  पुरस्कार जीता है। उन्होंने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, मुझे यकीन नहीं हो रहा कि ऐसा हो रहा है। इस पुरस्कार को प्राप्त करना बहुत शानदार अनुभव है। मैं यह पुरस्कार अपनी कास्ट, सहकर्मियों और फिल्म के सदस्यों के साथ बांटना चाहता हूं जिनके कारण यह फिल्म बनी।

सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता क्षमानिधि
छालीवुड स्टारडम सिने अवार्ड में क्षमानिधि मिश्रा को सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन को अवार्ड  गया है। छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम है क्षमानिधि मिश्रा, जिसकी धमक बॉलीवुड में भी सुनाई देती है। जहाँ भी जाते हैं, कुछ न कुछ जुगाड़़ कर ही आते हैं। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, आमिर खान जैसे कलाकारों के साथ काम करने का उन्हें मौका मिला है। वे सिर्फ कलाकार नहीं है बल्कि बहुप्रतिभा के धनी है। वे जितने अच्छे अभिनेता है उतने ही अच्छे गायक, गीतकार, लेखक, निर्माता, निर्देशक और कॉमेडियन भी है। योगिता आर्ट्स फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले पहली वीडियो फिल्म बंशी में अभिनेता के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले मिश्रा जी शासकीय योजनाओं पर आधारित आंचल वीडियो फिल्म में निर्माता निर्देशक के साथ विभिन्न आडियो, वीडियो एलबमों के निर्माता हैं । उनके लगभग आज तक 200 से अधिक आडियो कैसेट रिलीज हो चुके हैं जिनमें रसगुल्ला, नोनी, बेन्दरी, गुलेल गोली, तोर सुरता मा, मोहनी, वीडियो एलबमों में संगी के मया, मेड इन जापान, ये दद्दा रे के साथ धारावाहिक कार्यक्रमों का दूरदर्शन से प्रसारण में मकान हाजिर है में गायक व अभिनेता के भूमिका में रहें । उन्होंने विज्ञापन फिल्म मयूर प्लाई, बजाज पंखा के लिए भी काम किया छत्तीसगढ़ के प्रसिध्द फिल्में मोर छइंया भुइंया, मयारू भौजी, लेडग़ा नं. 1 में वे अभिनेता रहे । उन्हें छत्तीसगढ़ शासन और छालीवुड स्टारडम द्वारा बेस्ट कामेडियन एवं अन्य पुरस्कार व सम्प्रति प्रदान की गयी हैं ।

सर्वश्रेष्ठ सहनायिका उपासना वैष्णव
छत्तीसगढ़ी फिल्मो की सबसे सीनियर अदाकारा उपासना वैष्णव को इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ सहनायिका का अवार्ड मिला। अवार्ड लेने के लिए वह मंच पर तो नहीं थी लेकिन यह उनके लिए  का  खुशनुमा पल था। उन्होंने अब तक 85 फिल्मे की है जिसमे अधिकाँश फिल्मों में वे माँ की भूमिका में ही है। उसने हिन्दी,तेलुगु और भोजपुरी फिल्मे भी की है। छत्तीसगढ़ी फिल्मो में उपासना बच्चों पर प्यार लुटाती हुई नजर आती है पर उसे खुद निगेटिव रोल पसंद है। मया2 फिल्म में उन्होंने निगेटिव किरदार किया है जिसे दर्शकों ने खूब पसंद कियायह भूमिका उन्हें भी पसंद है। तँहू दीवाना महू दीवाना से वह खलनायिका के नाम से चर्चित हुई ,लकिन मोर डौकी के बिहाव और ऑटो वाले भांटो में वह नायिका के रूप में सामने आई। क्षमानिधि मिश्रा ने इस रोल में उन्हें आजमाया और सफल रहे। उपासना कहती है कि रोल कोई भी हो उसे जीवंत बनाना ही उनका शौक है। अब वह कुछ हटकर रोल करना चाहती है। वे कहती है कि हमारी इमेज एक साफ सुथरी और आदर्श नायिका की होती है जिसे पूरी तरह भुला कर हमें एक ऐसा किरदार निभाना पड़ता है जो खलनायिका के गुण भी दिखा दें और दर्शक भी उसे पसंद करें ।

सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर मनोजदीप
कोरियोग्राफर मनोजदीप आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे जितने अच्छे अभिनेता है उतने ही अच्छे डायरेकटर, फाइटर और कोरियोग्राफर है। उन्हें इस साल सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर का अवार्ड दिया गया। उनका कहना है कि मैंने बहुत संघर्ष किया है। जब मैं शुरू में आया था तो मेरा कोइ ठिकाना नहीं था। मैं भूखा भी सोया हूं। फिल्मों में कोरियोग्राफी का मौका मिलने के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। वे कहते हैं की आज हर माता-पिता अपने बच्चों को बहुआयामी बनाना चाहते हैं लेकिन करियर की जब बात आती है तो सिर्फ इंजीनियरिंग या डॉक्टरी जैसे बरसों से चले आ रहे रुढि़वादि क्षेत्रों में ही आगे बढऩे पर जोर दिया जाता है। सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पेंटिंग भी करे, गाए भी, नाचे भी पर करियर की बात आते ही इन क्षेत्रों से मुंह फेर लिया जाता है।यदि गहराई से सोचा जाए तो नाचने-गाने जैसे क्षेत्र में भी अच्छा पैसा और नाम कमाया जा सकता हैं। कोरियोग्राफी आज एक नए और अनोखे करियर के रूप में सामने आया है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए अधिक समस्या भी नहीं होती। आपको संगीत के साथ थिरकना पसंद है और शरीर में लचीलापन है तो आपके पास भी एक मौका है कि कोरियोग्राफर बन जाइए।

सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेत्री उर्वशी साहू
छत्तीसगढ़ी फिल्मो की चर्चित नाम है उर्वशी साहू जिन्होंने 19 फिल्मों में माँ और भाभी की भूमिका निभाई है। झन भुलाहू माँ-बाप ला उनकी पसंदीदा फिल्म है। मोर डौकी के बिहाव , ऑटो वाले भांटो , दबंद देहाती और मया 2 में तो उन्होंने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। ऑटो वाले भांटो फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट हास्य अभिनेत्री का एवार्ड मिला है। अवार्ड मिले के बाद उर्वशी ने कहा कि वो लोककला मंच के कलाकारों के लिए कुछ करना चाहती है और  उसके लिए ही जीना चाहती है । उर्वशी कहती है कि उसे सभी तरह के रोल पसंद है।छत्तीसगढ़ में कलाकारों की भरमार है , जरुरत है उन्हें तराशने की। गाँव गाँव ,गली-गली में कलाकार मिलेंगे , उन्हें फिल्मो में मौका मिलना चाहिए। वे कहती है कि अच्छी कहानी हो और अच्छे- अच्छे कलाकार हो तो छत्तीसगढ़ी फिल्मे भी अच्छी चलेंगी। एक्टिंग और डांसिंग उनका शोक है। लगभग 65  फिल्मो में अपने अभिनय का जादू चला चुकी उर्वशी हिन्दी भोजपुरी फिल्मो में भी अभिनय कर चुकी है। चुनौतीपूर्ण भूमिका उन्हें बहुत पसंद है।

सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेत्री पुष्पांजली शर्मा
सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेत्री का खिताब जीतने वाली पुष्पांजली शर्मा का यह पहला लेकिन जीवन का सबसे अहम अवार्ड है । छालीवुड स्टारडम ने उन्हें 2014 और 2015 का सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेत्री का अवार्ड दिया। पुष्पांजली ने मां की भूमिका निभाकर एक अलग अध्याय रचा है। उन्हें प्रकाश अवस्थी, अनुज शर्मा, करण खान, चन्द्रशेखर चकोर जैसे तमाम बड़े नायको की माँ की भूमिका निभाने की वजह से ही छत्तीसगढ़ की निरुपा राय भी कहा जाता है। पुष्पांजली ने 71 फिल्मों में माँ की भूमिका निभाई है। मया के घरौंदा में उनकी भूमिका वाकई गजब थी। मां के रूप में जब भी पर्दे पर आई लोगों ने उन्हें खूब प्यार दिया। पहुना, टूरी नंबर वन आदि में उनकी भूमिका दमदार थी। लेकिन पुष्पांजली खुद विदाई और मया 2 में अपनी भूमिका को सबसे अच्छी मानती है। पुष्पांजली को आज छत्तीसगढ़ी सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा माना जाता है। फिल्मों में उनकी एंट्री बड़े ही निराले ढंग से हुई। कभी अभिनय न तो की थी और ना ही कभी सोची थी। डायरेक्टर एजाज वारसी इन्हे फिल्मो में लेकर आये और डॉ अजय सहाय ने इनका हौसला अफजाई किया, जिसकी वजह से ही आज वे इस मुकाम को पा सकी है। वे कहती है कि मां के चरित्न को फिल्म में जीवंत बनाने की पूरी कोशिश करती हूँ। 80  से अधिक फिल्मो में काम कर चुकी पुष्पांजली को किस्मत ने फिल्मो में खिंच लाया। माँ की भूमिका निभाना उन्हें बेहद पसंद है वैसे पुष्पांजली कई फिल्मो में भाभी की भूमिका भी निभा चुकी है। उनकी तमन्ना इस भूमिका को लगातार आगे भी जीते रहने की है।

सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेता ललित उपाध्याय
छत्तीसगढ़ी फिल्मो के सीनियर कलाकार ललित उपाध्याय को इस वर्ष का सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेता का अवार्ड मिला तो पूरा स्टेडियम तालियों से गूँज उठा । छालीवुड स्टारडम ने उन्हें मया 2  बेहतर अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेता का अवार्ड दिया । अवार्ड लेने के लिए वह मंच पर तो नहीं थी लेकिन यह उनके लिए  का  खुशनुमा पल था। बाद में फि़ल्मी पत्रिका ने भी उन्हें यही अवार्ड से नवाजा । उन्होंने अब तक कई फिल्मे की है जिसमे अधिकाँश फिल्मों में वे पिता की भूमिका में ही है। उसने हिन्दी और भोजपुरी फिल्मे भी की है। छत्तीसगढ़ी फिल्मो में ललित बच्चों पर प्यार लुटाते हुए नजर आते है मया2 फिल्म में उन्होंने नायक के पिता किरदार निभाया है जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। यह भूमिका उन्हें भी पसंद है। 1982 में वह रंगकर्म से जुडा और 40 नाटकों में काम किया। मोर छइयां भुइंया में उन्हें ब्रेक मिला और वे आगे बढ़ते गए। इस अवार्ड को उन्होंने  जींदगी का सबसे खूबसूरत संपत्ति बताया है।

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