खुद का दर्द भी कर सकता हूँ बयाँ
छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम है क्षमानिधि मिश्रा, जिसकी धमक बॉलीवुड में भी सुनाई देती है। जहाँ भी जाते हैं, कुछ न कुछ जुगाड़़ कर ही आते हैं। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, आमिर खान जैसे कलाकारों के साथ काम करने का उन्हें मौका मिला है। वे सिर्फ कलाकार नहीं है बल्कि बहुप्रतिभा के धनी है। वे जितने अच्छे अभिनेता है उतने ही अच्छे गायक, गीतकार, लेखक, निर्माता, निर्देशक और कॉमेडियन भी है। वे जल्द ही एक नई नारी प्रधान फिल्म बनाने की योजना लेकर चल रहे है। उनका कहना है कि उस फिल्म में हो सकता है नायक ही ना हो। खुद के आंतरिक दर्द भी हो सकता है उस फिल्म में। उनसे हमने हर पहलूओं पर बात की है।
0 आपकी फिल्म ऑटो वाले भांटो प्रदर्शन से पहले ही चर्चित हो गयी है। इससे आपको क्या उम्मीद है?
00 101 फीसदी उम्मीद है की लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे? आशा से ज्यादा।
0 इस फिल्म की खासियत क्या है?
00 खासियत ही खासियत है । रोमैंस है कॉमेडी है , कर्णप्रिय गीत है , सुमधुर संगीत है। सभी प्रकार के मसाले हैं।
0 भविष्य की क्या योजना है?
00 एक नारी प्रधान फिल्म बनाने की है। नायकों को लेकर तो सभी फिल्म बनाते है मै कुछ हटकर करना चाहता हूँ। माँ -बेटी के भावनात्मक रिश्ते को लेकर फिल्म बनाऊंगा जिसमे खुद का दर्द भी शामिल हो सकता है। जिंदादिली के साथ जीता हूँ पर आतंरिक दर्द भी है।
0 ऑटो वाले भांटो फिल्म में आपने रायपुर को नए अंदाज में दिखाया है?
00 इस फिल्म में नई तकनीक है जो इसे 50 गुना ज्यादा बेहतर नबनाता है। अच्छी साउंड है। रायपुर को अच्छे ढंग से फिल्माया गया है। नया रायपुर भी दिखेगा और पुराना भी। छत्तीसगढ़ी क्रान्ति है यह फिल्म।
0 आप हमेशा प्रयोग करने के लिए जाने जाते हैं?
00 जरूर ,प्रयोग करते रहता हूँ। नई विधा को छत्तीसगढ़ में मैंने लाया। गाने में नया आधुनिक संगीत का प्रयोग मैंने किया आज सब वही कर रहे हैं।
0 सरकार से क्या मदद चाहिए?
00 छालीवुड को सरकार से सिर्फ इनडोर स्टूडियो चाहिए बस। प्राकृतिक संसाधन बहुत है। नहीं है तो थाना ,अस्प्ताल आदि जिसके लिए इनडोर स्टूडियो चाहिए। मिनी थिएटर चाहिए। सब्सिडी या लीज में ही दे दे। नहीं चाहिए निगम मंडल इससे कुछ नहीं होने वाला है। फिल्म इंडस्ट्री को उद्योग का दर्जा मिले।
छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम है क्षमानिधि मिश्रा, जिसकी धमक बॉलीवुड में भी सुनाई देती है। जहाँ भी जाते हैं, कुछ न कुछ जुगाड़़ कर ही आते हैं। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, आमिर खान जैसे कलाकारों के साथ काम करने का उन्हें मौका मिला है। वे सिर्फ कलाकार नहीं है बल्कि बहुप्रतिभा के धनी है। वे जितने अच्छे अभिनेता है उतने ही अच्छे गायक, गीतकार, लेखक, निर्माता, निर्देशक और कॉमेडियन भी है। वे जल्द ही एक नई नारी प्रधान फिल्म बनाने की योजना लेकर चल रहे है। उनका कहना है कि उस फिल्म में हो सकता है नायक ही ना हो। खुद के आंतरिक दर्द भी हो सकता है उस फिल्म में। उनसे हमने हर पहलूओं पर बात की है।
0 आपकी फिल्म ऑटो वाले भांटो प्रदर्शन से पहले ही चर्चित हो गयी है। इससे आपको क्या उम्मीद है?
00 101 फीसदी उम्मीद है की लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे? आशा से ज्यादा।
0 इस फिल्म की खासियत क्या है?
00 खासियत ही खासियत है । रोमैंस है कॉमेडी है , कर्णप्रिय गीत है , सुमधुर संगीत है। सभी प्रकार के मसाले हैं।
0 भविष्य की क्या योजना है?
00 एक नारी प्रधान फिल्म बनाने की है। नायकों को लेकर तो सभी फिल्म बनाते है मै कुछ हटकर करना चाहता हूँ। माँ -बेटी के भावनात्मक रिश्ते को लेकर फिल्म बनाऊंगा जिसमे खुद का दर्द भी शामिल हो सकता है। जिंदादिली के साथ जीता हूँ पर आतंरिक दर्द भी है।
0 ऑटो वाले भांटो फिल्म में आपने रायपुर को नए अंदाज में दिखाया है?
00 इस फिल्म में नई तकनीक है जो इसे 50 गुना ज्यादा बेहतर नबनाता है। अच्छी साउंड है। रायपुर को अच्छे ढंग से फिल्माया गया है। नया रायपुर भी दिखेगा और पुराना भी। छत्तीसगढ़ी क्रान्ति है यह फिल्म।
0 आप हमेशा प्रयोग करने के लिए जाने जाते हैं?
00 जरूर ,प्रयोग करते रहता हूँ। नई विधा को छत्तीसगढ़ में मैंने लाया। गाने में नया आधुनिक संगीत का प्रयोग मैंने किया आज सब वही कर रहे हैं।
0 सरकार से क्या मदद चाहिए?
00 छालीवुड को सरकार से सिर्फ इनडोर स्टूडियो चाहिए बस। प्राकृतिक संसाधन बहुत है। नहीं है तो थाना ,अस्प्ताल आदि जिसके लिए इनडोर स्टूडियो चाहिए। मिनी थिएटर चाहिए। सब्सिडी या लीज में ही दे दे। नहीं चाहिए निगम मंडल इससे कुछ नहीं होने वाला है। फिल्म इंडस्ट्री को उद्योग का दर्जा मिले।
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