मंगलवार, 5 अप्रैल 2016

कविता लिखना चुनौती नहीं एक साधना हैं

 मेरे गीत, गज़़लें कविता लोगों की पसंद बने यह आरजू है: नैनी 
एक मुलाक़ात - अरुण बंछोर 
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किसी एक इंसान में बहुत सारे गुण हो ऐसे बिरले लोग ही मिलते हैं। जी हाँ यही गुण है नंदिनी तिवारी नैनी में। वे एक शिक्षिका होने के साथ साथ कवयित्री, लेखिका, एक्ट्रेस, एंकर और डांस कोरियोग्राफर भी है। वे कहती हैं कि कविता लिखना चुनौती नहीं एक साधना हैं। मेरे गीत, गज़़लें कविता लोगों की पसंद बने यही आरजू है। नंदिनी को शहर की संस्था  सद्भावना साहित्य संस्थान ने सम्मानित किया है। दैनिक राष्ट्रीय हिन्दी मेल ने उनसे हर पहलूओं पर बेबाक बात की है । प्रस्तुत है बातचीत के सम्पादित अंश।
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संक्षिप्त परिचय 
नाम   - नंदिनी तिवारी नैनी
शिक्षा    एम•ए(हिन्दी), बी•एड•,पीएचडी(हिंदी)
व्यवसाय   - शिक्षिका, कवयित्री, लेखिका, ऐक्ट्रेस, एंकर
रुचि  - सिंगिंग, डांसिंग, रीडिंग लिट्रेचर बुक
उपलब्धि  -  सद्भावना साहित्य संस्थान द्वारा सम्मानित
                     डायट ओडिशा द्वारा सम्मानित
हिंदी विषय पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय सेमीनार में व्याख्यान ।
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कविता लिखने की ओर रुझान कैसे हुआ?
मेरा जन्म साहित्यकार परिवार में हुआ। जो लेखन के लिए प्रेरक रही एवं आसपास के कुदरती वातावरण मेरे भीतर कविता का सृजन करते हैं ।
मतलब पारिवारिक माहौल ने ही आपको लिखना सिखाया?
हां। पारिवारिक माहौल के साथ मेरी भावनाओं ने मेरी गीत-गज़़लों को अल्फ़ाज़ दिए ।
घर परिवार और नौकरी के बीच कविता लिखने के लिए समय कैसे निकाल पाती हैं?
कविता लिखने अलग से समय नहीं निकालती। दैनिक कर्तव्यों का निर्वहन करते रहने के दौरान जो अहसास होता है वह उसी पल मेरी कविता बन जाया करती है ।
कभी-कभी आपको आलोचना भी सहनी पड़ती होगी ?
अभी तक तो ऐसा अनुभव नहीं हुआ । वैसे मुझे इंतजार है कि मेरी रचनाओं की भी आलोचना हो । क्योंकि आलोचना से ही साहित्य में निखार आता है ।
कविता लिखना कितनी बड़ी चुनौती है?
चुनौती कैसी ? मैं किसी की अपेक्षापूर्ति के लिये कविता नहीं लिखती । जो भी लिखती हूं वो मेरे अपने जज्बात हैं । कविता लिखना चुनौती नहीं एक साधना हैं।जो स्वयंभू है।निरंतर होने वाली आस पास की घटनाओं द्वारा कविता को वातावरण मिलता है।जिसकी गहराई में जाने पर हमारे विचार कविता का रूप ले लेती है।
 इस क्षेत्र  में कभी निराशा हुई है ?
नहीं । अब तक तो नहीं
और कभी ऐसा क्षण हो आया हो जब आप बहुत ज्यादा उत्साहित हुई हो?
हां । मेरी रचनाधर्मिता के चलते मेरे फेवरेट कवि से ऑनलाईन मुलाकात होना और उनकी तारीफ पाना मुझे उत्साहित कर गया । और आगामी तारीख में मुझे उनके साथ हम शरीयत होने का भी मौका मिलेगा । यह मेरे लिये बेहद रोमांचक रहेगा ।
आपको इसके लिए परिवार से कितना सहयोग मिलता है?
भरपूर सहयोग है परिवार का । मेरे परिवार को मुझ पर पूरा भरोसा है । मै इतनी दूर यहां जॉब कर रही हूं मंचों पर कविता कह पा रही हूं ये मेरे परिवार का ही सहयोग है।
ऐसा आपका कोई सपना जो आप पूरा होते हुए देखना चाहती हों?
मैं एक स्थापित कवियत्री के रुप में स्थान बनाना चाहती हूं । मेरे गीत मेरी गज़़लें कविता पसंद लोगों की पसंद बने यह आरजू है

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