मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

हर रोल में परफेक्ट विजेता मिश्रा

– केसर सोनकर छॉलीवुड की विजेता मिश्रा जानी पहचानी एक अच्छी अभिनेत्री है। वे अच्छी डांसर भी है। कोई भी रोल हो , उसे करने से वह घबराती नहीं। विजेता का कहना है कि कोई भी रोल बड़ा या छोटा नही होता । फिल्म में हर रोल का एक अलग महत्व होता है। विजेता फिल्म ‘जानू आई लव यू यार’ में तेजस गोहेल के साथ लीड रोल में नजर आई । इस फिल्म को दर्शकों का बहुत प्यार मिला। इसके बाद फिल्म ‘असली कलाकार’ में खलनायिका के रोल को बखूबी निभाया और 2019-2020 का बेस्ट फीमेल खलनायिका का अवार्ड अपने नाम कर लिया। साईं कृष्णा फिल्म प्रोडक्शन के बैनर पर बन रही फिल्म कुरुक्षेत्र में विजेता एक अलग रोल में नजर आएगी। इस फिल्म में विजेता करन खान की बहन का रोल निभा रही है।

छत्तीसगढ़ की पहली नन्ही भरथरी गायिका महिमा सिंह राजपुत

– केसर सोनकर छत्तीसगढ़ की नन्ही गुडिय़ा मात्र 11 साल की महिमा सिंह राजपूत (मम्मो) फिल्म ‘भाई भाई के मया’ में दिखाई देगी। इस फिल्म में उन्होंने अपना रोल बखूबी निभाई है उम्मीद है कि यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आएगी। इस फिल्म में नन्हीं महिमा ने अपना सुमधुर स्वर भी दिया है। इतनी छोटी उम्र में महिमा सिंह अपना काम बहुत अच्छे से करती है। महिमा सिंह राजपूत आज किसी परिचय की मोहताज नहीं। उन्होंने कई स्टेज शो और कई सारी एल्बम में अपनी आवाज दे चुकी है। नन्हीं महिमा कई फिल्मों में अभिनय भी कर रही हैं। शुभ्रा फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही फिल्म भाई भाई के मया में नन्हीं महिमा का अभिनय कमाल का है। इस फिल्म में उनका अभिनय दर्शकों का दिल दहला देगी। वह अब तक 4-5 फिल्मों में अभिनय कर चुकी है। महिमा सिंह राजपुत मात्र 5 साल की उम्र से गाना गाना शुरु की। अपने पापा विक्की सिंह ठाकुर (टार्जन ) के स्टेज प्रोग्राम से गाना गाते गाते आज फिल्मों में भी अपनी आवाज दे रही है। महिमा हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी, जसगीत सभी गाना गा लेती है। महिमा छत्तीसगढ़ की पहली बेटी है जो सबसे कम उम्र में भरथरी गायन करती है। गौरतलब है कि युवा निर्देशक विक्की सिंह राजपुत (टार्जन) की बेटी महिमा बचपन से अपने पापा के साथ रहती थी। जब पापा विक्की सिंह राजपुत अपने कार्यक्रम में जाते तब नन्हीं महिमा भी साथ जाती थी। जब वह मात्र 3 साल की थी तब अपने पापा के स्टेज शो में गई। एक बार अचानक नन्हीं महिमा को माता (देवी माँ) की भूमिका निभाने का अवसर मिला और फिर 5 साल तक वह माता की भूमिका निभाई। तब से उसे अभिनय में रुचि हुई। फिर वह अपने पापा के स्टेज शो में साथ रहते रहते उसे गाने का शौक हुआ। मात्र पांच साल की उम्र में अपने पापा से माईक लेकर गाना शुरु की। तब से लेकर आज तक महिमा को अभिनय और गायन के प्रति काफी गहरी रुचि है वे इसके लिए बहुत ही मेहनत करती है। महिमा को गायिकी के साथ डॉक्टर बनने का भी शौक है। महिमा बहुत अच्छी पेंटिंग भी कर लेती है। वह अपनी मौसी दीपा के साथ रहकर पेंटिंग करना सीखी है।

उर्वशी साहू सफलता की ओर अग्रसर

उर्वशी साहू आज छत्तीसगढ़ में एक जान पहचाना नाम है उर्वशी ने अपने बेहतरीन अदाकारी के दम पर दर्शकों के दिल मे राज करते आ रही है . कोई भी रोल हो उर्वशी हर किरदार को अपने अभिनय से जीवंत कर देती है पर उन्हें दर्शकों का सबसे ज्यादा प्यार कामेडी में मिला. दर्शक उर्वशी और उपासना की जोड़ी जो कचरा बोदरा के नाम से काफी चर्चित है जिसे दर्शक बहुत पसंद करते है . उर्वशी साहू एक नामी कलाकार परिवार से चरणदास चोर , जमादारिन , बहादुर कलारिन, पोंगा पण्डित, हबीब तनवीर निर्देशित के गीतकार स्वर्ण कुमार साहू राजनादगांव की नातिन है प्रसिद्ध पंडवानी रेवाराम गणेश राम उनके दादा जी है . गोदना गोदा ले रीठा ले ले ,गाजामूंग कइसे के जावो पानी जैसे गीतकार ईश्वर लाल साहू की बेटी है . माता गिरीश साहू राजभारती आर्केस्टा की प्रथम गायिका की बेटी है .उर्वशी कहना है कि मेरे परिवार में कोई भी जीवित नही है , मैं अपने परिवार की कला यात्रा को जब तक जीवित हु आगे बढ़ते रहूंगी . उर्वशी कहती है कि इतने बड़े रचनाकार स्वर्ण कुमार साहू चरणदास चोर के गीतकार को कभी छत्तीसगढ़ में नाम व पहचान नहीं मिली. उर्वशी कहना है कि मैने सारे मंत्री लोगो के पास कई बार गई पर कभी सम्मान नई दिला पाई . इतने बड़े हबीब तनवीर के साथ रहकर देश विदेश तक जाने वाले और बड़े बड़े नाटकों के रचनाकार मेरे नाना जी स्वर्णकुमार साहू को मरणोपरन्त सम्मान मिलना चाहिए. एक कलाकार परिवार की बेटी होने के कारण मेरे अंदर कला के प्रति काफी रुचि है और दर्शोको का प्यार मिलता रहे यही प्रयास हमेशा करुँगी. उर्वशी कहती है कि आज के इस व्यस्त भरी जिंदगी में लोगो को हँसाना बहुत मुश्किल है . दर्शक आज हमें पसन्द करती है ये बहुत बड़ी उपलब्धि है .मैं समाज सेवा भी करती हूं ताकि मेरे परिवार को शांति मिल सके उर्वशी को ख्0क्स्त्र में माता कौशल्या सम्मान,छत्तीसगढ़ रत्न, कला साहित्य,सहित लगभग क्भ्0 सम्मान मिल चुका है . उर्वशी साहू का खुद का एक यूट्यूब चैनल है उर्वशी साहू इंटरटेनमेंट के नाम से जो आज छत्तीसगढ़ में काफी चर्चित है . उर्वशी ने हिंदी,साऊथ, भोजपुरी,सावधान इंडिया,जैसे बड़े बड़े प्रजेक्ट में भी अपनी अभिनय दिखा चुकी है. वे आने वाले समय मे बहुत जल्द अपने चैनल के लिए बड़े पर्दे की फि़ल्म निर्माण की योजना करने वाली है.

प्रमिला रात्रे का गायन से लेकर अभिनय तक का संघर्षमय जीवन

0 मात्र 300 रुपए महिने में गीतों के माध्यम से गांव के बच्चों को पढ़ाती थी 0 टेली फिल्म ‘मणिराम की बगिया’ से अभिनय की शुरुआत की - केसर सोनकर बचपन से ही संघर्ष करते आ रही प्रमिला रात्रे साक्षरता अभियान के अंतर्गत मास्टर कला जत्था की टीम के साथ गांव के लोगों को गीतों के द्वारा जागरुक करते थे। 18 साल की उम्र में उन्होंने अभिनय शुरु किया। वर्तमान में शॉर्ट फिल्म करने में व्यस्त है। वह कई रुपांतरित फिल्मों में भी काम की। बड़े परदे पर वह 5-6 फिल्मों में छोटाछोटा रोल निभायी है। वह चाहती है कि उसे बड़े परदे के लिए भी बड़ा रोल मिले। प्रमिला रात्रे ने बताया कि वह गांव में जन्मी और शहर में पढ़ाई की है। चंचल चुलबुली प्रमिला को 17 साल की उम्र में घर की जिम्मेदारी का बोझ उसे बड़ा बना दिया। बचपन से वह अपने दादा को गीत गाते और चिकारा बजाते देख उनके साथ गीत गाने का शौक हुआ। प्रमिला अपने दादा के साथ रहकर गीत गाना शुरु की फिर ग्राम कुर्रा, धरसींवा निवासी उनके मामा बसंत लहरी ने उसे रात रात भर गाना गाना सिखाए। अपने लोक कला मंच में गणेश चतुर्थी और 18 दिसम्बर को गुरुघासीदास स्मारक गिरौदपुरी में उसे गाना गाने का मौका दिए। इसके बाद वह गीत के साथ साथ नाटक भी करने लगी। फिर वह घर के आंगन में सेवा भारती में मात्र 300 रुपए महिने में गीतों के माध्यम से गांव के बच्चों को पढ़ाती थी। मास्टर कला जत्था की टीम के साथ नाटक और गीत के द्वारा गांव के लोगों को भी पढ़ाई के लिए जागरुक करते गए। उसके बाद वह 1995 में साक्षरता अभियान के अंतर्गत मास्टर कला जत्था में बतौर गायिका के रुप में 6000 रुपए में गाना गाना शुरु की। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की उम्र में उनकी अभिनय कला की शुरुआत हुई। उनके काम से प्रभावित होकर पत्रकार अजय शर्मा नेे सच्ची घटना पर आधारित एक टेली फिल्म ‘मणिराम की बगिया’ में काम करने का मौका दिया। यह फिल्म दिल्ली दूरदर्शन में बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड घोषित हुआ। फिर इसके बाद वह मिर्जा मसूद के नाटक मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी ‘गोदान’ से 1996 मेें नाटक की शुरुआत की, जो आज तक नहीं रुका है। फिर इसके बाद उसे कई रुपांतरित फिल्मों में काम करने का मौका मिलने लगा। वह शिमला, दिल्ली, भोपाल, ग्वालियर और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मंच पर बहुत सारे नाटक, नुक्कड़ की है। उन्होंने बताया कि मैंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से लोक संगीत में डिप्लोमा की है और शास्त्री सगीत में ग्रेजुएशन व ब् साल का मध्यमा अंतिम की है। छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘परदेसिया होगे’ में उन्होंने अपनी आवाज दी है। प्रमिला ने कहा कि जलील रिजवी , मिर्जा मसुद मेरे नाटक गुरु हैं। अब वह किसी अच्छे निर्देशक के साथ बड़े परदे पर काम करना चाहती है। -------------

फिल्म समीक्षा - मानव तस्कर पर आधारित फिल्म ‘प्रेमयुद्ध’

- केसर सोनकर कलाकार - जयेश, राजेश, अजय पटेल, वीणा सेन्द्रे, दिव्या यादव, पुष्पांजलि शर्मा, अनिल शर्मा, विक्रम राज, संजू साहू निर्देशक- सुमित मिश्रा प्रोड्यूसर - आशीष शर्मा फिल्म प्रेमयुद्ध आज 10 दिसम्बर को रिलीज हुई। फिल्म देखकर निकले दर्शकों के मन में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला कि इस फिल्म में फाइटिंग जबरदस्त है। फिल्म ड्र्ग्स और मानव तस्कर पर आधारित है। फिल्म के नायक जयेश और विलेन अजय पटेल और नायिका के रोल में ब्यूटी क्वीन वीणा सेन्द्रे है। नायिका की सहेली संजू साहू है। माता पिता की भूमिका अनिल शर्मा और पुष्पांजलि शर्मा ने निभाए हैं। अजय पटेल का फिल्मी कैरियर छॉलीवुड में ससुराल फिल्म से शुरुआत हुई है। ससुराल में दर्शकों का उन्हें बहुत प्यार मिला। फिल्म प्रेमयुद्ध में माफिया का किरदार में फिट नजर आए। माना जा रहा है कि इस फिल्म से छॉलीवुड को एक बड़ा बॉडी बिल्डर खलनायक मिला है। कहानी फिल्म की कहानी गांव के एक साहू परिवार के भाई बहन से शुरु होती है। भाई कृष्णा साहू (जयेश) और बहन काव्या साहू (दिव्या यादव) है। दोनों भाई बहन में बहुत प्यार रहता है। बहन काव्या का मानव तस्कर ने किडनैप कर लेता है। भाई कृष्णा पुलिस विभाग में पदस्थ है और डि़टेक्टिव रुप में अपनी बहन काव्या की तलाश करते है। इसी बीच नायिका रागिनी (वीणा सेन्द्रे) का कृष्णा से जुगाड़ू राजू (तरुण बघेल) का मोटर गैरेज में मुलाकात होती है और वह नायक को देखते ही वह उससे प्यार करने का नाटक करती है। नायिका रागिनी मानव तस्कर जावेद (अजय पटेल) से मिली रहती है। रागिनी ही काव्या का किडनैप करवाती है। फिल्म में शिवा (राजेश पंडया) का रोल काफी मजेदार है जो नायिका रागिनी को प्यार करता है। उसे शाहरुख खान स्टाइल में प्रपोज भी करता। शिवा (राजेश पंड्या) जुगाडू राजू (तरुण बघेल) के साथ मिलकर बीच बीच में कॉमेडी करते नजर आए। फिल्म में नायक कृष्णा (जयेश) और खलनायक जावेद (अजय पटेल) का फाइट देखते ही बनता है। साऊथ स्टाइल पर फाइट फिल्म में जान डाल दिया है। फिल्म में उर्वशी साहू और किशोर मंडल भी थोड़े ही समय के लिए नजर आए। फिल्म प्रेमयुद्ध कॉमेडी पारिवारिक है। फिल्म अच्छी बनी है। आगे फिल्म की कहानी जानने के लिये आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. फिल्म प्रेमयुद्ध का फिल्मांकन रायगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में हुआ है। फिल्म के डायरेक्टर सुमित मिश्रा ने कहानी को हर पहलू से मजबूत बनाने की कोशिश की है। फिल्म में गाने 5-6 है जो कर्णप्रिय है। गीत लिखे है सलाम ईरानी ने, संगीत सुनील सोनी का है। फाइटमास्टर मधु अन्ना का है। फिल्म की कास्टिंग भी काफी अच्छी की हैं।

मंगलवार, 7 दिसंबर 2021

फिल्म प्रेम युद्ध से डेब्यू करने जा रही हैं मिस ब्यूटी क्वीन वीणा सेन्द्रे

मॉडलिंग से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाली मिस वीणा सेन्द्रे को हर कोई जानता है। आज उनके काम से, उनकी अप्सरा सी खूबसूरत से सभी लोग उन्हें जानते हैं। छत्तीसगढ़ की वीणा सेन्द्रे सन् ख्0क्म् में मिस इंदौर श्री, सन् ख्0क्त्त् में मिस सेंट्रल इंडिया छत्तीसगढ़, सन् ख्0क्त्त् में मिस ट्रांस क्वीन इंडिया और सन् ख्0क्9 में मिस इंटरनेशनल क्वीन का खिताब हासिल चुकीं हैं। वीणा मॉडलिंग के क्षेत्र में रनवे शो- लक्मे फैशन वीक, बैंगलोर फैशन वीक, लखनऊ फैशन वीक और आगरा फैशन वीक में इन सबमें वाक कर चुकी हैं। छत्तीगढ़ टूरिज्म विभाग की ब्रांड एम्बेसडर भी रह चुकीं हैं। बॉलीवुड के कलाकारों में श्रीदेवी की बहुत बड़ी फैन हैं। छॉलीवुड में पद्म श्री अनुज शर्मा को फॉलो करती हैं। वे बताती हैं कि उनकी फिल्म हमेशा देखती हूं। मैं गर्व करती हूं कि छत्तीसगढ़ के कलाकार अनुज शर्मा को एक बड़ा राष्ट्रीय सम्मान पदम श्री मिला हैं। एक वे कहती हैं डायरेक्टर सतीश जैन सर की फिल्म में हमेशा नया थॉट रहता है जिससे उनके काम को बहुत पसंद करती हूं। फिल्म प्रेम युद्ध के डायरेक्टर सुमीत मिश्रा को धन्यवाद देना चाहूंगी कि वे मुझे इस फिल्म में लीड रोल के लिए आफर किया। फिल्म प्रेम युद्ध बहुत अच्छी हैं। लोगों का ध्यान जरुर खींचेगा। लोग इस फिल्म को दोबारा देखने सिनेमाघर जरुर जाएंगे। वीणा सेन्द्रे का एक ही सपना है कि वे एक सफल अभिनेत्री बने। मिस वीणा एक सरल सहज अभिनेत्री हैं। फिल्म प्रेम युद्ध से डेब्यू करने जा रही मिस वीणा सेन्द्र से हुई बातचीत के कुछ अंश - 0 मॉडलिंग से अभिनय के क्षेत्र में कैसे आना हुआ? 00 बचपन से एक्टिंग का शौक था। डायरेक्टर सुमीत मिश्रा ने मेरे शौक को साकार किया। फेसबुक से मेरी तस्वीर देखा। दो-चार लोगों से बात किया और फिर मोबाइल नंबर लेकर बातचीत कर फिल्म प्रेम युद्ध के लिए मीटिंग रखी। फिल्म प्रेम युद्ध में एक नॉटी , इमोशनल का करैक्टर करने को मिला हैं। 0 ये आपकी पहली फिल्म है तो कुछ परेशानी हुई होगी? 00 हां, पर डायरेक्टर सुमीत मिश्रा का मुझे बहुत सपोर्ट मिला। प्रोड्यूसर आशीष शर्मा बहुत ही दिलदार है जिन्होने छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री को कुछ नया देने के लिए कदम उठाया। दिल खोल अपना पैसा लगाया है। फिल्म की टीम का भी अच्छा सपोर्ट रहा। बोलने में असमर्थ थी तो डायरेक्टर सुमीत मिश्रा ने मुझे बहुत सपोर्ट किए। सुमीत मिश्रा के साथ काम करने का अच्छा एक्सपीरियंस रहा और जब भी सेट पर रहते थे तव पॉजिटिव वातावरण रहता था। 0 क्या आप अपने काम से संतुष्ट हैं? 00 हां, मैं अपने काम से संतुष्ट हूं। मुझे विश्वास है कि मैं अपना काम क्00 प्रतिशत सही की हूं। परंतु लोग बताएंगे कि मैं अपना काम सही की हूं या नहीं। 0 आप किस तरह का रोल करना पसंद करेंगी? 00 हर तरह का रोल करना पसंद करुंगी पर चैलेंजिंग करैक्टर करना ज्यादा पसंद करुंगी। 0 आपका कोई सपना हो जिसे पूरा होते हुए देखना चाहती हैं। 00 एक सफल अभिनेत्री बनूं और लोग मुझे मेरे काम से जाने, पहचाने। 0 ट्रांस ब्यूटी क्वीन बनने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा। 00 स्पेशल डाइट लेना, जिम जाना, योगा करना , वहीं खाना जो हेल्थ और स्कीन के लिए सही हो। मेहनत करने के लिए पीछे कभी नहीं हटी। 0 ट्रांस ब्यूटी क्वीन कांटेस्ट में भाग लेने के लिए परिवार का कितना सपोर्ट रहा। 00 मेरे परिवार का पूरा सपोर्ट रहा और छत्तीसगढ़ की जनता का भी पूरा सहयोग मिला। 0 आपको सबसे ज्यादा खुशी कब हुई। 00 ट्रांस ब्यूटी क्वीन का खिताब जीतने के बाद जब लोग बोले छत्तीसगढ़ की बेटी तब मुझे बहुत खुशी हुई। 0 आप जनता/दर्शकों को क्या संदेश देना चाहती है? 00 प्रेम युद्ध एक अच्छी फिल्म हैं लोग इस फिल्म को देखने जरुर जाएं । लोग खूब मेहनत करें ताकि सब लोग उन्हें उनके काम से जाने तथा पहचाने। कभी भी मेहनत करने से नहीं घबराएं। 0 मॉडलिंग से अभिनय के क्षेत्र में कैसे आना हुआ? 00 बचपन से एक्टिंग का शौक था। डायरेक्टर सुमीत मिश्रा ने मेरे शौक को साकार किया। फेसबुक से मेरी तस्वीर देखा। दो-चार लोगों से बात किया और फिर मोबाइल नंबर लेकर बातचीत कर फिल्म प्रेम युद्ध के लिए मीटिंग रखी। फिल्म प्रेम युद्ध में एक नॉटी , इमोशनल का करैक्टर करने को मिला हैं। 0 ये आपकी पहली फिल्म है तो कुछ परेशानी हुई होगी? 00 हां, पर डायरेक्टर सुमीत मिश्रा का मुझे बहुत सपोर्ट मिला। प्रोड्यूसर आशीष शर्मा बहुत ही दिलदार है जिन्होने छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री को कुछ नया देने के लिए कदम उठाया। दिल खोल अपना पैसा लगाया है। फिल्म की टीम का भी अच्छा सपोर्ट रहा। बोलने में असमर्थ थी तो डायरेक्टर सुमीत मिश्रा ने मुझे बहुत सपोर्ट किए। सुमीत मिश्रा के साथ काम करने का अच्छा एक्सपीरियंस रहा और जब भी सेट पर रहते थे तव पॉजिटिव वातावरण रहता था। 0 क्या आप अपने काम से संतुष्ट हैं? 00 हां, मैं अपने काम से संतुष्ट हूं। मुझे विश्वास है कि मैं अपना काम क्00 प्रतिशत सही की हूं। परंतु लोग बताएंगे कि मैं अपना काम सही की हूं या नहीं। 0 आप किस तरह का रोल करना पसंद करेंगी? 00 हर तरह का रोल करना पसंद करुंगी पर चैलेंजिंग करैक्टर करना ज्यादा पसंद करुंगी। 0 आपका कोई सपना हो जिसे पूरा होते हुए देखना चाहती हैं। 00 एक सफल अभिनेत्री बनूं और लोग मुझे मेरे काम से जाने, पहचाने। 0 ट्रांस ब्यूटी क्वीन बनने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा। 00 स्पेशल डाइट लेना, जिम जाना, योगा करना , वहीं खाना जो हेल्थ और स्कीन के लिए सही हो। मेहनत करने के लिए पीछे कभी नहीं हटी। 0 ट्रांस ब्यूटी क्वीन कांटेस्ट में भाग लेने के लिए परिवार का कितना सपोर्ट रहा। 00 मेरे परिवार का पूरा सपोर्ट रहा और छत्तीसगढ़ की जनता का भी पूरा सहयोग मिला। 0 आपको सबसे ज्यादा खुशी कब हुई। 00 ट्रांस ब्यूटी क्वीन का खिताब जीतने के बाद जब लोग बोले छत्तीसगढ़ की बेटी तब मुझे बहुत खुशी हुई। 0 आप जनता/दर्शकों को क्या संदेश देना चाहती है? 00 प्रेम युद्ध एक अच्छी फिल्म हैं लोग इस फिल्म को देखने जरुर जाएं । लोग खूब मेहनत करें ताकि सब लोग उन्हें उनके काम से जाने तथा पहचाने। कभी भी मेहनत करने से नहीं घबराएं।

फिल्म प्रेमयुद्ध में माफिया डॉन के किरदार में नजर आएंगे

छत्तीसगढ़ी फिल्मों के अभिनेता अजय पटेल आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. उनकी कला में वो जादू है कि जो भी एक बार देखे, उनकी कला के कायल हो जाएंगे। उनकी एक्टिंग में जीवंतता झलकती है. वे कहते है कि मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोई भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहता है। वे कला के दम पर अपनी पहचान बनाना चाहते है. बचपन से शौक था एक्टिंग करने का। स्कूलों में नाटकों में भाग लिया करता था। बाद में मुझे थियेटर का शौक हुआ और मुम्बई थियेटर से जुड़ गया। ऐसा करते करते उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्मों की ओर कदम बढ़ाया। अजय ने कभी नहीं सोचा था कि वे फिल्मों में अपना कैरियर बनाएंगे। लेकिन ससुराल फिल्म में खलनायक का किरदार से दर्शकों से उन्हें अच्छा रिस्पान्स मिला। उनकी ख्वाहिश बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के साथ काम करने की है. वे मुम्बई गए भी कुछ समय बिताकर छत्तीसगढ़ लौट आये. अजय पटेल ने पूरे देश में मॉडलिंग में झंडा गाड़ा था और मिस्टर इंडिया (नईदिल्ली) में टॉप टेन में जगह बनाई थी, लेकिन कुछ अभाव के चलते उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था. वे छत्तीसगढी, ओडिया और भोजपुरी में कई वेबसीरिज में काम कर चुके हैं। उन्होंने अभी तक उन्होंने त्त्- 9 छत्तीसगढ़ी फिल्में की है. जिनमें ससुराल, एक ओौर लव स्टोरी, काली प्रेम युद्ध, देवा, कुरुक्षेत्र, हुक्का पानी बंद और साथी रे। फिलहाल अजय पटेल को अब प्रेम युद्ध से काफी उम्मीदें हैं। इस फिल्म में अजय पटेल एक माफिया डॉॅन के रुप में दिखाई देंगे जो लड़कियों को स्मलिंग करते हैं। यह फिल्म साउथ की तरह बना है जो कि छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री में पहली बार बना है। फिल्म में पारिवारिक , एक्शन कॉमेडी, रोमांस सभी कुछ देखने को मिलेगा। इस फिल्म के प्रोड्यूसर आशीष शर्मा, डायरेक्टर सुमीत मिश्रा, कलाकारों में नायिका वीणा शेन्द्रे, जयेश,कॉमेडियन राजेश पंड्या और तरुण बघेल है और विशेष किरदार में दिव्या यादव नजर आएंगी।

सोमवार, 8 नवंबर 2021

‘डॉ सहाय’ को जयाप्रदा के हाथों मिला अखंड भारत गौरव सम्मान

0 एक बार फिर हुआ छॉलीवुड का नाम रोशन प्रख्यात चिकित्सक, अभिनेता एंवं समाज सेवी प्रो. डॉ अजय सहाय को अतिविशिष्ट समाज सेवाओं के लिए चंडीगढ़ में आयोजित एक विशेष समारोह में अखंड भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें प्रख्यात अभिनेत्री व पूर्व सांसद सुश्री जयाप्रदा व अभिनेता राजपाल यादव के हाथों प्राप्त हुआ। डॉ अजय सहाय दूरदर्शन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पंडवानी क्वीन ,पद्मविभूषण डॉ. तीजन बाई की बायोपिक बनाई गयी फिल्म में डॉ. तीजन बाई के नाना के किरदार निभाए हैं। डॉ सहाय अपने अभिनय से छॉलीवुड ही नही बल्कि बॉलीवुड तक लोगों के दिलों में राज कर रहे हैं। गरीबों के डॉक्टर’ व ‘गरीबों के मसीहा’के नाम से पूरे अंचल में प्रसिद्ध वरिष्ठ चिकित्सक व ह्रदय रोग विषेशज्ञ डॉ अजय सहाय को छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु भोला पठार पर्यटन स्थल द्वारा डॉ. तीजन बाई के हाथों विशेष सम्मान भी प्राप्त हुआ है। छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के साथ-साथ डॉ सहाय का समाज सेवा, शिक्षा, साहित्य में भी उल्लेखनीय योगदान हैं।

‘भाई भाई के मया’ टारजन का ड्रीम प्रोजेक्ट

शुभ्रा फिल्म के बैनर तले बन रही निर्माता निर्देशक विक्की सिंह राजपुत (टारजन) की फिल्म ‘भाई भाई के मया ’ उनकी ड्रीम प्रोजेक्ट है. फिल्म में उन्होंने दर्शकों की पसंद का विशेष ख्याल रखा है और वो सब कुछ देने की कोशिश की है जो छत्तीसगढ़ की जनता फिल्मों में देखना चाहती हैं. जिसमें आपको रोमांस भी देखने को मिलेगा तो एक्शन ,मारधाड़ ,सन्देश , शानदार लोकेशन भी देखने को मिलेगा. इस फिल्म की कहानी पारिवारिक है जो मौजूदा हालातों को प्रदर्शित करती है. फिल्म के नायक एक्शन स्टार विक्की सिंह राजपुत (टारजन) और पुनीत सोनकर अपने कई फिल्मों में अपने अभिनय कर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अच्छी पहचान बनाई है. दोनों की फिल्में टाकीजों में पहले भी अच्छा प्रदर्शन हो चुकी है. नायिका आशी सोनी और बरखा मानिकपुरी की यह पहली फिल्म है। उम्मीद है इस फिल्म से दोनों नायिका अपनी अदाओं से दर्शकों को आकर्षित करेंगी। संगीता निषाद बेहतरीन कलाकार हैं, उनका अभिनय हमेशा लोगों को पसंद आया है इस फिल्म में भी संगीता ने अपना अच्छा अभिनय देने की कोशिश की है. अन्य कलाकार है डोमार सिंह ठाकुर, घनश्याम वर्मा, जयंत साहू, टीकम सिंह, रितेश दुबे, लहरे दादा, केशर सोनकर, प्रमिला रात्रे, कुणाल सिंह ठाकुर जानी नेताम, अमरौतिन धृतलहरे, श्रीराम साहू, संतोष थापा, महराज जी, भजन मानिकपुरी, लव कुमार, सोहन,राहुल कश्यप, दास मानिकपुरी, रवि दीवान, सोनू ठाकुर, उमेशदीप, मयंक तिवारी, , दिलीप भारद्वाज, चंदन साहनी, मनहरण साहू, कविता, कृृष्णा निषाद, यशवंत धीवर, अनमोल, भास्कर, संत, संजय , राजा, बोधन साहू विनोद, लवकुमार, राहुल है। बाल कलाकार महिमा सिंह राजपूत है।इस फिल्म के कैमरामेन, शैलेन्द्र वर्मा हैं। फाइट मास्टर ,गीत , संगीत विक्की सिंह राजपुत (टारजन) है। विक्की सिंह राजपुत और महिमा सिंह राजपुत ने स्वर दिए हैं। फिल्म के गाने दर्शकों को पसंद आयेगा, ऐसी उम्मीद है.

शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

डॉ अजय सहाय को मुंबई में मिला इंडियन स्टार्स अवॉर्ड

 रायपुर के प्रख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ, फिल्म अभिनेता व समाजसेवी प्रो डॉ अजय सहाय को समाजसेवा के क्षेत्र में अतिविशिष्ट योगदान के लिए मुंबई में ” इंडियन स्टार्स अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया।भजन सम्राट पदमश्री अनूप जलोटा के करकमलों द्वारा उन्हें इस राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत किया गया। 


 

 कार्यक्रम में बॉलवुड स्टार्स पृथ्वी, अरुण बक्शी, धीरज कुमार, पंकज बेरी, आरती नागपाल सहित तमाम हस्तियां मौजूद थीं।कार्यक्रम का आयोजन मुंबई ग्लोबल ग्रुप ऑफ न्यूजपेपर्स के मुख्य सम्पादक श्री राजकुमार तिवारी व संयोजक रईस खान थे। विदित हो कि डॉ सहाय ने विगत  साढ़े तीन दशकों में एक हजार से ज्यादा निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों  व जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से पीड़ित मानवता की निस्वार्थ सेवा की है।  विभिन्न स्वास्थ्य व सामाजिक समस्याओं पर  उनके द्वारा लिखित व निर्देशित सौ से ज्यादा शॉर्ट फिल्मों , वृत्त चित्रो, जिंगल्स व नाना प्रकार के रोचक कार्यक्रमो का टीवी चैनल्स द्वारा प्रसारण किया जा चुका है। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने छोलीवुड से लेकर बॉलिवुड तक के जरूरतमंद कलाकारों की यथासंभव मदद की।

बुधवार, 28 जुलाई 2021

छालीवुड अभिनेत्री अनिकृति चौहान ने प्रेम संदेशा एलबम किया लांच

० परिवार के साथ देखने योग्य फिल्मों का निर्माण ही अनिल प्रोडक्शन हाउस का लक्ष्य 

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के जरिए छत्तीसगढ़ी संस्कृति को छालीवुड अभिनेत्री अनिकृति चौहान ने अपनी फिल्मों के जरिए सशक्त रूप से अभिनीत कर दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता ने अनिकृति ने बताया कि वे अपने पिता स्व. अनिल चौहान की स्मृति में यूट्यूब पर प्रेम संदेशा शीर्षक से म्युजिक एलबम लांच किया। उन्होंने ने कहा की यह चैनल लांच कर मैंने बड़ी जिम्मेदारी ली है।लांचिंग के अवसर पर अभिनेता लक्ष्य रवि पल्लीवार कोरियोग्राफी लक्की देवांगन, अमित राय प्रोडक्शन मैनेजर जया साहू, एवं फिल्म अभिनेता योगेश अग्रवाल ने उक्त एलबम के जरिए यू ट्यूब पर दर्शकों की पसंद के छत्तीसगढ़ी गाने लांच करने की जानकारी दी।
चौहान ने पत्रकारवार्ता में बताया कि वे अपने प्रोडक्शन हाउस के जरिए ऐसी कोई सामाग्री दर्शकों के सामने नहीं परोसेंगी जिसे परिवार के साथ लोग न देख सके। साफ सुथरी फिल्मों के साथ ही वे स्थानीय प्रतिभाओं को प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर हर संभव सहयोग देंगी।
कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में जनजागरूकता अभियान का हिस्सा बनने संबंधी प्रश्र पर अनिकृति ने कहा कि राज्य अथवा केंद्र शासन से ऐसा कोई प्रस्ताव उन्हें मिलता तो वे उसे सहर्ष स्वीकार कर लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी। अनिकृति ने कहा कि एलबम में उनके अपोजिट कुलदीप सिंह परमार ने प्रभावी भूमिका निभाकर दर्शकों का दिल जीता है। प्रेम संदेशा गीत में दिखाई गई क्लीपिंग में अनिकृति ने बेहतरीन अभिनय किया है।  स्वर दिए हैं ऋषि राज और श्रद्धा मंडल ने. लांचिंग अवसर पर मुख्य अतिथि योगेश अग्रवाल ने कलाकारों को शुभकामनाएं देते हुए जनहित में अच्छी मनोरंजन सामग्री भविष्य में निर्मित करने की सलाह दी।

बुधवार, 17 मार्च 2021

छालीवुड का दमदार और बेताज बादशाह है करण खान

 11 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, 40 फ़िल्में, निर्देशन में भी माहिर, चार भाषाओं के जानकार

जन्मदिन पर विशेष - अरुण कुमार बंछोर
छालीवुड में करन खान का नाम ऐसे अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने करीब दो दशक से अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के बीच अमिट पहचान बनायी है और आज किसी फिल्म में उनका होना ही सफलता की गारंटी माना जाता है। जब भी दमदार अभिनय की बात आती है तो ऐसे अभिनेताएं की लिस्ट में करण खान का नाम सबसे ऊपर होता है। वे ऐसे एक्टर हैं जो अपने रोल में पूरी तरह से रच-बस जाते हैं और फिर कमाल के अभिनय से फिल्म को सुपर-डुपर हिट करवा देते हैं। छॉलीवुड के इस सुपर स्टार करण खान का आज 18 मार्च को जन्मदिन है। उनके जन्मदिन पर हम उनके प्रसशंकों को उनसे रूबरू कराते हैं. वे धरोहर है छालीवुड का, वैसे तो उनके बारे में बताने की जरुरत नहीं है. वे अपने आप में परिचय है. उन्हें चार भाषाओं हिन्दू, उर्दू, इंग्लिश, छत्तीसगढ़ी का अच्छा ज्ञान है.2003 से 2020 तक 11 बार वे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब अपने नाम कर चुके है. स्व. सैय्यद जफ़ऱ अली और श्रीमती शमशाद बेगम के पुत्र करण खान का असली अनाम सैय्यद ताहिर अली है और उनकी दो बेटियां - अनाबिया अली , आरोश अली है. छत्तीसगढ़ में थियेटर कम होने से ये सुपर स्टार काफी चिंतित हैं.
छालीवुड का चमकता सितारा, निर्देशन भी किया
करण खान छालीवुड का एक ऐसा सितारा हैं जिसने पर्दे पर जिस भी रोल को निभाया उसे बड़ी शिद्दत से अभिनय किया। करण खान ने किरदार को निभाने के लिए जब-जब कुछ नया किया एक कहानी बन गई। करण ऐसे कलाकार के तौर पर जाने जाते हैं जो अपने किरदारों की सच्चाई और उन्हें अपने ही अलग अंदाज से दर्शकों के सामने परोसने का हुनर जानते हैं। वे लगभग हर फिल्म में ही अपने साथ एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं।करण खान की अगली फिल्म है कुरुक्षेत्र, जिसकी शूटिंग अभी कसडोल में चल रही है. उन्होंने करीब 40 फिल्मे करने के बाद तीन फिल्मो का निर्देशन भी किया है. फिल्मो का सफर उनका लंबा है लेकिन मैं दबंग देहाती फिल्म की शूटिंग से लेकर फिल्म के टाकीज में आने तक उनके साथ था. बहुत ही मिलनसार, अनुभवी और मेहनती अभनेता है. जब इस फिल्म का निर्माण शुरू हुआ तब उन्होंने कहा था कि फिल्म को 55 दिनों में शूट करके प्रदर्शित कर दूंगा और 52 दिनों में फिल्म दबंग देहाती को रिलीज कर उन्होंने सच कर दिखाया था. करण खान 11 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब जीत चुके हैं.
थियेटर से की कॅरियर की शुरुआत


करण खान ने इप्टा से अपने कॅरियर की शुरुआत की फिर एल्बम के माध्यम से कई कश्हूर गानों पर अपना जौहर दिखाया। उनकी कई फिल्मों ने 50 और 100 दिनों तक टाकीजों में परचम लहराया। स्व. सैय्यद जफ़ऱ अली और श्रीमती शमशाद बेगम के पुत्र करण खान का असली अनाम सैय्यद ताहिर अली है और उनकी दो बेटियां - अनाबिया अली , आरोश अली है. कुरुक्षेत्र के मुहूर्त पर जब हमने बेटी अनाबिया अली से पूछा तो उनका साधा हुआ जवाब था कि वे एक अच्छी डाक्टर बनकर लोगों और देश की सेवा करना चाहती है.करण खान का कहना है कि वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और फिल्मों के प्रचार प्रसार के लिए जो भी होगा, वे जरूर करते रहेंगे। उन्हें अभिनय और स्टाइल से जाना जाता हैं। उन्होंने अब तक अपने आप को इतना फिट रखा हैं कि उनको लोग देखते ही रह जाते हैं. उनके कपड़े पहनने का अंदाज़ भी अलग हैं.
हिन्दी फिल्मों से कम नहीं छत्तीसगढ़ी फिल्म
करण खान कहते है कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा किसी भी दृष्टि में हिन्दी फिल्मों से कमतर नहीं है बस सरकार थोड़ा सा सहयोग कर दे कि हर बीस किलोमीटर की दूरी में एक थियेटर खोलने में मदद कर दे। छत्तीसगढ़ सिनेमा के पचास साल के कालखंड पर वो कहते है कि पहले 35 साल में दो ही फिल्मे बनी फिर सतीश जैन की मोर छईयां भुईंया ने जो रास्ता खोला तब से धारा बह रही है छत्तीसगढ़ी फिल्मों के इतिहास में पहले दशक में सौ से ज्यादा फिल्मों बनी है और उनमें बीस से ज्यादा में करन खान है। यानी हर पांचवी फिल्म उनके अभिनय से सजी हुई। मोर गंवई गांव,जरत हे जिया मोर, तोर मया के मारे, बैर,तीजा के लुगरा, ए मोर बांटा, छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा तोर मया म का जादू हे, मया होगे रे, करम के लेखा, मोरगांव किस्मत के खेल, तोला ले जाऊ उडि़रिया, मितान 420, भांवर, अजब जिनगी गजब जिनगी, बंधना, दगाबाज , मोही डारे, लैला टिपटाप छैला अंगूठा छाप, जो भोजपुरी में डब होकर लैला माल बा छैला धमाल बा में भी सुपरहिट रही बाप बड़े नाभ भइया सबले बड़े रुपइया भी अच्छी फिल्म है। सन 1994 में इप्टा के नाटक से एक्टिंग का जो सफल शुरु हुआ वो छत्तीसगढ़ी एलबम से फिल्मों तक जारी है।
सर्वाधिक 11 बार छत्तीसगढ़ी सिने अवार्ड
करन खान छत्तीसगढ़ी सिनेमा के ऐसे अभिनेता है जिन्होने किस्मत के खेल और लैला टिपटाप छैला अंगूठा छाप में डबल रोल कि ये इस के अलावा सर्वाधिक 11 बार छत्तीसगढ़ी सिने अवार्ड के विजेता में भी उनका नाम शुमार है। सन् 2003 में रंग झांझर ने जरत हे जिया मोर के लिये सबसे पहले सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरूस्कार दिया उसके बाद 2004 में बहुरंग ने तोर मया के मारे के लिये 2011 में एबेलान ने लैला टिपटाप छैला अंगूठा छाप 2013 में एबेलान ने दगाबाज, 2013 मेें फिल्मी छत्तीसगढ़ी ने लैला टिपटाप छैला अंगूठा छाप 2014 में ही फिल्मी छत्तीसगढ़ी में तोला ले जाऊं उड़रिया के लिये तो 2012 में रंग झांझर ने मितान 420 में और 2020 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड छालीवुड स्टारडम ने दिया। उन्हें अक्कीनेनी नागेश्वर राव दक्षिण भारतीय फिल्मो के सुपर स्टार के नाम पर सम्मान मिलना भी उपलब्धि ही कही जायेगी।
छालीवुड को आत्म निर्भर बनाने में एलबम का बड़ा योगदान

करन खान बताते है की छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्रीज को आत्म निर्भर बनाने में छत्तीसगढ़ी एलबम का बड़ा योगदान रहा। सन 2003 में झन भुलव मां बाप के बाद जब छत्तीसगढ़ी फिल्मों पर ब्रेक लगा तब एलबम का दौर शुरु हुआ। ये समय ऐसा था जब छत्तीसगढ़ी के ही कलाकार ,तकशियनों को मौका मिला। इससे पहले मुंबई की यूनिट छत्तीसगढ़ी आती थी और तब बहुत भेदभाव भी होता था एलबम यहां बनने लगे तो को रियोग्राफर कैमरामैन मेकअप आर्टिस्ट, लाईटमेन और प्रोडक्शन से जुड़े लोग धीरे धीरे पारंगत हो गये और यही लोग बाद में पुन: छत्तीसगढ़ी फिल्मों का दौर शुरु होने पर छालीवुड को आत्मनिर्भर बनाने में कारगर साबित हुये। श्री खान नाटक के दौर को भी याद करते है कि राही मासूम रजा के टोपी शुक्ला को देख कर प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर भी भाव विभोर हो गये है और उन्होने इसे मुंबई में भी आोयजित करवाया था। करन खान छत्तीसगढ़ी एलबम के दौर में भी सुपर स्टार रहे है। अब तक हजार से भी ज्यादा गीतों में अभिनय का रिकार्ड है देश विदेश में सुपरहिट गुलाबी कली केटूरा न जाने रे के साथ ही झोटू राम बना दिये , संतरंगी रे में दो गीत प्रेम चंद्राकर के का तै जादू करे, का तै मोहनी डारे सहित सतीश जैन के एक मात्र एलबम मया के बुखार में चार गानों में नृत्य किया। दुकालू यादव के का तोला माने दाई और गोरेलाल बर्मन के मोला बईयां बना के छोड़ देबे का जैसे सुपरहिट गानों से करन खान को लोकप्रियता मिली। छत्तीसगढ़ी फिल्म विकास निगम और छत्तीसगढ़ी फिल्मों के विकास के लिये वे यही कहते है कि हमारी बहुत ज्यादा मांगे नहीं है बस सरकार यहां टाक़ीज खोलने में थोड़ी सी सहायता कर दे तो छत्तीसगढ़ी फिल्मों की गंगा बहने लगेगी। उम्मीद है अब सरकार इस दिशा में ठोस और त्वरित कदम उठायेगी।
पहला बायोपिक फिल्म भी करण के नाम

छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी के जनक दुलार सिंह के जीवनी पर बनी प्रदेश की पहली बायोपिक फिल्म" मंदराजी "भी करन खान के खाते में ही गया है. दाऊ मंदिर जी के किरदार में सुपर स्टार करन खान ने बेजोड़ अभिनय किया है फिल्म में दर्शक छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी के जनक दुलार सिंह मंदराजी के जीवन और नाचा के क्षेत्र में किये गये उनके अमूल्य योगदान को देख पाएं और जान पाए। मंदराजी छत्तीसगढ़ की पहली बायोपिक फिल्म है। दुलार सिंह ने अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ी नाचा को देश और दुनिया में एक नई पहचान दी है।
इनकी बहुचर्चित फि़ल्में
तीजा के लुगरा , छत्तीसगढ़ीया सबले बढिया, ए मोर बांटा, मंदराजी, ससुराल, बेनाम बादशाह, लैला टीपटाप छैला अंगूठा छाप, राधे अंगूठा छाप,मोही डारे , सिधवा सजन, तोला ले जाहूं उडरिया, तो मया माँ जादू हे, किस्मत के खेल, दबंग देहाती ,टिकट टू छालीवुड, दगाबाज, ऑटो वाले भांटो, बंधना, मोर भाई नंबर , छत्तीसगढ़ के हेंडसम, तोर मया के मारे, मितान 420,बाप बड़े न भैय्या सबले बड़े रुपैय्या, अजब जिनगी गजब जिनगी।
करन की 'बेनाम बादशाह देखकर रो पड़े थे दर्शक

करन खान की वर्ष 2020 में साल के शुरूआत में रिलीज हुई बेनाम बादशाह देखकर कई दर्शकों की आंखे भर आई थी। ये भी तो करन खान की अदाकारी का ही जलवा है, जो जिन्होंने परदे पर जीवंत किया था। जब फिल्म देखकर निकले दर्शकों की प्रतिक्रिया जानना चाही तो कई दर्शकों की आंखें भर आई थी। वो भरभराए आवाज में सिर्फ इतना ही कह पाए कि फिल्म अच्छी है। इसके अलावा कुछेक दर्शक तो सिर्फ आंसू ही लिए हुए थे, कुछ कह ही नहीं पाए। तो आखिर फिल्म की कहानी में काफी दम तो है, कि वो दर्शकों को इतना पसंद आई कि वो अपने भावनाओं को रोक नहीं सके और आंसूओं के रूप में निकल आए। बेनाम बादशाह जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ऐसा शख्स जो अपने वसूलों पर चलता हो।
फिल्म 'तू मेरा हीरो
छत्तीसगढ़ी फिल्म मेकर अनुपम वर्मा ने अपनी आगामी फिल्म 'तू मेरा हीरो के लिए करण खान और मुस्कान साहू के नाम का ऐलान कर रखा है.करण खान अनुपम वर्मा की पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म 'मोही डारे में भी काम कर चुके हैं। इन दिनों करण खान और मुस्कान की जोड़ी को रुपहले पर्दे पर खासा पसंद किया जा रहा है। करण खान जहां छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जाने-माने एक्टर हैं, वहीं मुस्कान भी प्रणव झा प्रोडक्शन की फिल्मों में अभिनय कर लोगों का दिल जीत चुकी हैं।
महाराष्ट्र के निर्माताओं के साथ
करण खान तीजा के लुगरा , छत्तीसगढ़ीया सबले बढिया (निर्माता निर्देशक विजय राजन जी महाराष्ट्र) ए मोर बांटा (निर्माता नागपुर महाराष्ट्र) मंदराजी( नाचा के भीष्म )(निर्माता निर्देशक महाराष्ट्र) और उसके बाद सन 2018 में पहली बार दूसरे राज्य झारखंड में छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव का सेहरा भी करन खान के सिर पर ही बंधा। जबकि प्राय: छत्तीसगढ़ी फिल्मी लोग अपनी फिल्मों को या अपने आप को प्रमोट करने में लगे हैं , ऐसे में सुपर स्टार करन खान ही एकमात्र ऐसे कलाकार हैं जो कि छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को छत्तीसगढ़ से बाहर विस्तार देने की पहल और प्रयास कर रहे हैं। उनका यह प्रयास राजनीतिक दलों से और छोलीवुड की राजनीतिक उठापटक से दूर रहते हुए नि:स्वार्थ सिर्फ छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को प्रमोट करने का उद्देश्य है.

गुरुवार, 4 मार्च 2021

किसी के सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ी और ना कभी काम की कमी रही

 बॉलीवुड अभिनेता अमन वर्मा से अरुण बंछोर की ख़ास चर्चा

छोटे पर्दे के जाने-माने अभिनेता अमन वर्मा कई मशहूर टीवी शोज के साथ-साथ बॉलीवुड फिल्मों का भी हिस्सा रह चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने बिग बॉस पर तीखी प्रतिक्रिया देकर जबरदस्त सुर्खियां बटोरी थीं। अमन वर्मा ने 1983 में फिल्म ‘पचपन खंभे लाल दीवारें’ से अपना एक्टिंग डेब्यू किया था। इसके बाद वो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कुमकुम’, ‘इस जंगल से मुझे बचाओ’ जैसे शो में नजर आ चुके हैं। वो अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘बागबान’ में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा अब वो अपने ओटीटी डेब्यू के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।


उनका मानना है कि इस शो के जरिए किसी का करियर नहीं बनता सिर्फ कुछ महीनों तक चर्चा रहती है। उनसे एक फैशन शो के दौरान कई विषयों पर खुलकर चर्चा हुई। अपने एक्टिंग को लेकर उन्होंने हमसे खुलकर बातें की हैं। इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि किस तरह टीवी इंडस्ट्री में एक एक्टर का करियर शो के खत्म होते ही 6-7 साल के स्पैन में खत्म हो जाता है। अमन वर्मा ने ये भी साफ किया है कि उन्हें किसी के सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ी और कभी भी काम की कमी नहीं रही। उन्होंने कहा- ‘मैंने जो कुछ भी किया है, मुझे उसे लेकर कोई पछतावा नहीं है क्योंकि मैंने उसे अपना 100 प्रतिशत दिया है। मैं मुंबई में 23-24 साल से सर्वाइव कर रहा हूं। और आज भी मेरे लिए काफी काम है और अच्छी चीजें हो रही हैं’। उन्होंने आगे कहा- ‘टीवी के शो में क्या होता है कि 6 से 7 साल के स्पैन में, आपका पूरा करियर खत्म हो जाता है। आप एक शो के साथ आते हैं, शो खत्म हो जाता है और आप भी खत्म हो जाते हैं। लेकिन मैं कभी भी ऐसा एक्टर नहीं रहा हूं जिसे सपोर्ट की जरूरत पड़ी है। मुझे एक प्रोजेक्ट के बाद दूसरा मिलता गया’।

प्रतिभा हो तो संघर्ष से न घबराएं
इसके पहले अमन वर्मा ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि मुंबई की चकाचौंध और फिल्मी स्टार की लोकप्रियता से युवा भी ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं और फिल्मों में काम करना चाहते हैं। यह इतना आसान नहीं है, जितना युवा समझते हैं। जो कलाकार आज कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे हैं, उन्होंने काफी संघर्ष किया है, यूं ही स्टार नहीं बने हैं। छत्तीसगढ़ के युवाओं में भी प्रतिभा है, यदि कामयाबी हासिल करना चाहते हो, तो इसके लिए संघर्ष करना होगा। आपमें प्रतिभा हो तो जरूर मुंबई आएं और हालातों से संघर्ष करें। शुरुआत में काम न मिले तो निराश न हों। आपमें जितनी प्रतिभा होगी, उतनी तरक्की करते जाएंगे। आपकी प्रतिभा और आपका संघर्ष ही आपको मंजिल तक ले जाएगा। एक सवाल के जवाब में अमन वर्मा ने कहा कि कोई कितना भी प्रतिभाशाली हो, उसे घर बैठे काम नहीं मिलता। टीवी, फिल्मों में पहचान बनाने के लिए युवाओं को काम चाहिए, तो निरंतर संपर्क बढ़ाएं। संघर्ष करने से न घबराएं। आपके पास दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो और प्रतिभा हो तभी मुंबई में रहें, देरसबेर मेहनत का फल अवश्य मिलेगा।राजधानी में छत्तीसगढ़ फैशन फ्यूजन आयोजन के सिलसिले में आए प्रसिद्ध कलाकार अमन वर्मा ने कहा कि वह छत्तीसगढ़ फैशन फ्यूजन को बढ़ावा देने आए हैं। इससे फैशन के क्षेत्र में जाने वाली युवतियों को एक नया मंच मिलेगा। जो लोग मुंबई, दिल्ली और विदेशों में होने वाले आयोजनों में भाग लेकर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। अश्लील वेब सीरीज का बोलबाला होने और इस पर प्रतिबंध लगाने की सुगबुगाहट के सवाल पर अमन वर्मा ने कहा कि विश्वभर में दर्शक क्या देखना चाहते हैं, इसका फैसला चंद लोग नहीं ले सकते। यह दर्शकों पर निर्भर करता है कि वे क्या देख रहे हैं। मोबाइल पर कंट्रोल करना दर्शकों के हाथ में हैं।दर्शक जो देखना चाहेगा, वह देखेगा, जो पसंद नहीं है, वह नहीं देखेगा। यह तो इंटरटेनमेंट का मामला है। बागबां फिल्म में मतलबी बेटे का किरदार निभाने वाले अमन वर्मा का कहना है कि फिल्म बागबान में मेरा किरदार देखकर लोग तंज कसते थे, कैसा अनालायक बेटा है जो अपनी माँ को घर से निकाल दिया। यह निगेटिव रोल मेरे लिए बेहतर साबित हुआ। इससे मुझे अलग पहचान मिली। आज मैं उस मुकाम पर हूँ जो मैं चाहता था.

शोषण तो हर जगह है 

अभिनेता अमन वर्मा ने यह भी कहा कि शोषण तो हर जगह है। बस समझने की जरूरत है। कौन व्यक्ति किसी बात को किस रूप में लेता है। यह बात भी कहीं न कहीं ठीक है कि बालीवुड में जाने से पहले जिनके रिश्ते अभिनेता व अन्य लोगों से अच्छे होते हैं उनको अवसर आसानी से मिल जाते हैं। बाकी अपने बलबूते पर जाने वालों को कठिन मेहनत नहीं तपस्या करनी पड़ती है, तब जाकर कोई अवसर मिल पाता है।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

अपने दमदार अभिनय से छालीवुड का बेनाम बादशाह है करण खान

 - अरुण बंछोर

छालीवुड में करन खान का नाम ऐसे अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने करीब दो दशक से अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के बीच अमिट पहचान बनायी है और आज किसी फिल्म में उनका होना ही सफलता की गारंटी माना जाता है। जब भी दमदार अभिनय की बात आती है तो ऐसे अभिनेताएं की लिस्ट में करण खान का नाम सबसे ऊपर होता है। वे ऐसे एक्टर हैं जो अपने रोल में पूरी तरह से रच-बस जाते हैं और फिर कमाल के अभिनय से फिल्म को सुपर-डुपर हिट करवा देते हैं। करण खान छालीवुड का एक ऐसा सितारा हैं जिसने पर्दे पर जिस भी रोल को निभाया उसे बड़ी शिद्दत से अभिनय किया। करण खान ने किरदार को निभाने के लिए जब-जब कुछ नया किया एक कहानी बन गई। करण ऐसे कलाकार के तौर पर जाने जाते हैं जो अपने किरदारों की सच्चाई और उन्हें अपने ही अलग अंदाज से दर्शकों के सामने परोसने का हुनर जानते हैं। वे लगभग हर फिल्म में ही अपने साथ एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं। करण खान की अगली फिल्म है कुरुक्षेत्र, जिसका अभी अभी मुहूर्त हुआ है. उन्होंने करीब 40 फिल्मे करने के बाद तीन फिल्मो का निर्देशन भी किया है. फिल्मो का सफर उनका लंबा है लेकिन मैं दबंग देहाती फिल्म की शूटिंग से लेकर फिल्म के टाकीज में आने तक उनके साथ था. बहुत ही मिलनसार, अनुभवी और मेहनती अभनेता है. जब इस फिल्म का निर्माण शुरू हुआ तब उन्होंने कहा था कि फिल्म को 55 दिनों में शूट करके प्रदर्शित कर दूंगा और 52 दिनों में फिल्म दबंग देहाती को रिलीज कर उन्होंने सच कर दिखाया था. करण खान 11 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब जीत चुके हैं. करण खान ने इप्टा से अपने कॅरियर की शुरुआत की फिर एल्बम के माध्यम से कई मशहूर गानों पर अपना जौहर दिखाया। उनकी कई फिल्मों ने 50 और 100 दिनों तक टाकीजों में परचम लहराया।

स्व. सैय्यद ज़फ़र अली और श्रीमती शमशाद बेगम के पुत्र करण खान का असली अनाम सैय्यद ताहिर अली है और उनकी दो बेटियां - अनाबिया अली , आरौश अली है. कुरुक्षेत्र के मुहूर्त पर जब हमने बेटी अनाबिया अली से पूछा तो उनका सधा हुआ जवाब था कि वे एक अच्छी डाक्टर बनकर लोगों और देश की सेवा करना चाहती है.करण खान का कहना है कि वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और फिल्मों के प्रचार प्रसार के लिए जो भी होगा, वे जरूर करते रहेंगे। उन्हें अभिनय और स्टाइल से जाना जाता हैं। उन्होंने अब तक अपने आप को इतना फिट रखा हैं कि उनको लोग देखते ही रह जाते हैं. उनके कपड़े पहनने का अंदाज़ भी अलग हैं.
पहला बायोपिक फिल्म भी करण के नाम


छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी के जनक दुलार सिंह के जीवनी पर बनी प्रदेश की पहली बायोपिक फिल्म” मंदराजी “भी करन खान के खाते में ही गया है. दाऊ मंदिर जी के किरदार में सुपर स्टार करन खान ने बेजोड़ अभिनय किया है फिल्म में दर्शक छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी के जनक दुलार सिंह मंदराजी के जीवन और नाचा के क्षेत्र में किये गये उनके अमूल्य योगदान को देख पाएं और जान पाए। मंदराजी छत्तीसगढ़ की पहली बायोपिक फिल्म है। दुलार सिंह ने अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ी नाचा को देश और दुनिया में एक नई पहचान दी है।
इनकी बहुचर्चित फ़िल्में
तीजा के लुगरा , छत्तीसगढ़ीया सबले बढिया, ए मोर बांटा, मंदराजी, ससुराल, बेनाम बादशाह, लैला टीपटाप छैला अंगूठा छाप, राधे अंगूठा छाप,मोही डारे , सिधवा सजन, तोला ले जाहूं उडरिया, तो मया माँ जादू हे, किस्मत के खेल, दबंग देहाती ,टिकट टू छालीवुड, दगाबाज, ऑटो वाले भांटो, बंधना, मोर भाई नंबर , छत्तीसगढ़ के हेंडसम, तोर मया के मारे, मितान 420,बाप बड़े न भैय्या सबले बड़े रुपैय्या, अजब जिनगी गजब जिनगी।
करन खान और बेनाम बादशाह’ बेस्ट क्यों
करन खान की वर्ष 2020 में साल के शुरूआत में रिलीज हुई बेनाम बादशाह, जिसे छालीवुड स्टारडम सिने अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ फिल्म का एवार्ड दिया गया. साथ ही इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और निर्देशक का भी एवार्ड मिला।ये फिल्म बेस्ट क्यों है? इस फिल्म में सब कुछ है जो दर्शकों को चाहिए होता है. फिल्म देखकर कई दर्शकों की आंखे भर आई थी। ये भी तो करन खान की अदाकारी का ही जलवा है, जो जिन्होंने परदे पर जीवंत किया था। जब फिल्म देखकर निकले दर्शकों की प्रतिक्रिया जानना चाही तो कई दर्शकों की आंखें भर आई थी। वो भरभराए आवाज में सिर्फ इतना ही कह पाए कि फिल्म अच्छी है। इसके अलावा कुछेक दर्शक तो सिर्फ आंसू ही लिए हुए थे, कुछ कह ही नहीं पाए। तो आखिर फिल्म की कहानी में काफी दम तो है, कि वो दर्शकों को इतना पसंद आई कि वो अपने भावनाओं को रोक नहीं सके और आंसूओं के रूप में निकल आए। बेनाम बादशाह जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ऐसा शख्स जो अपने वसूलों पर चलता हो। फिल्म प्रणव झा के निर्देशन में बना है।
करन की ‘बेनाम बादशाह’ देखकर रो पड़े थे दर्शक


करन खान की वर्ष 2020 में साल के शुरूआत में रिलीज हुई बेनाम बादशाह देखकर कई दर्शकों की आंखे भर आई थी। ये भी तो करन खान की अदाकारी का ही जलवा है, जो जिन्होंने परदे पर जीवंत किया था। जब फिल्म देखकर निकले दर्शकों की प्रतिक्रिया जानना चाही तो कई दर्शकों की आंखें भर आई थी। वो भरभराए आवाज में सिर्फ इतना ही कह पाए कि फिल्म अच्छी है। इसके अलावा कुछेक दर्शक तो सिर्फ आंसू ही लिए हुए थे, कुछ कह ही नहीं पाए। तो आखिर फिल्म की कहानी में काफी दम तो है, कि वो दर्शकों को इतना पसंद आई कि वो अपने भावनाओं को रोक नहीं सके और आंसूओं के रूप में निकल आए। बेनाम बादशाह जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ऐसा शख्स जो अपने वसूलों पर चलता हो। फिल्म प्रणव झा के निर्देशन में बना है और फिल्म के हीरो हैं करण खान और हीराईन मुस्कान साहू है।
फिल्म ‘तू मेरा हीरो’
छत्तीसगढ़ी फिल्म मेकर अनुपम वर्मा ने अपनी आगामी फिल्म ‘तू मेरा हीरो’ के लिए करण खान और मुस्कान साहू के नाम का ऐलान कर रखा है.करण खान अनुपम वर्मा की पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘मोही डारे’ में भी काम कर चुके हैं। इन दिनों करण खान और मुस्कान की जोड़ी को रुपहले पर्दे पर खासा पसंद किया जा रहा है। करण खान जहां छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जाने-माने एक्टर हैं, वहीं मुस्कान भी प्रणव झा प्रोडक्शन की फिल्मों में अभिनय कर लोगों का दिल जीत चुकी हैं।
महाराष्ट्र के निर्माताओं के साथ
करण खान तीजा के लुगरा , छत्तीसगढ़ीया सबले बढिया (निर्माता निर्देशक विजय राजन जी महाराष्ट्र) ए मोर बांटा (निर्माता नागपुर महाराष्ट्र) मंदराजी( नाचा के भीष्म )(निर्माता निर्देशक महाराष्ट्र) और उसके बाद सन 2018 में पहली बार दूसरे राज्य झारखंड में छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव का सेहरा भी करन खान के सिर पर ही बंधा। जबकि प्रायः छत्तीसगढ़ी फिल्मी लोग अपनी फिल्मों को या अपने आप को प्रमोट करने में लगे हैं , ऐसे में सुपर स्टार करन खान ही एकमात्र ऐसे कलाकार हैं जो कि छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को छत्तीसगढ़ से बाहर विस्तार देने की पहल और प्रयास कर रहे हैं। उनका यह प्रयास राजनीतिक दलों से और छोलीवुड की राजनीतिक उठापटक से दूर रहते हुए निःस्वार्थ सिर्फ छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को प्रमोट करने का उद्देश्य है.

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

फिल्मों को ही कॅरियर बनाएगी रेणु वर्मा

 अभी फिल्म शक्ति की शूटिंग में व्यस्त 

- अरुण बंछोर 

छालीवुड के उभरती अभिनेत्री रेणु वर्मा वैसे तो फिल्मों में काम करने के बारे में कभी सोची नहीं थी, परन्तु अब फिल्मों को ही अपनी कॅरियर बनाएंगी। वे कहती है की मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहती हूँ। वे अपने कला के दम पर पहचान बनाना चाहती है. 2015 में मॉडलिंग से अपनी कॅरियर की शुरुआत करने वाली रेणु वर्मा छत्तीसगढ़ी भाषा की तीन फिल्मे कर चुकी है. साउथ की दो फिल्मे भी उन्होंने की है. साथ ही कई बड़ी ज्वेलर्स कंपनियों के लिए मॉडलिंग में अपना जलवा दिखा चुकी है. रेणु वर्मा को मीडिया पर पूरा भरोषा है. वे कहती है कि कलाकारों की सफलता और असफलता कुछ हद तक मीडिया पर निर्भर होता है. 

0 आपको एक्टिंग के प्रति कैसे दिलचस्पी हुई ?



बचपन से शौक था एक्टिंग करने का। स्कूलों में नाटकों में भाग लिया करती थी। डांस करने के साथ साथ मॉडलिंग करने लगी। और ऐसा करते करते मैंने छत्तीसगढ़ी फिल्मो की ओर कदम बढ़ाया। लोगो को देखकर लगा की मुझे भी इस क्षेत्र में कुछ करना चाहिए।

0 अब तक की आपकी उपलब्धी क्या है?

मैंने 3  छत्तीसगढ़ी फिल्मो में काम किया है और बड़े ज्वेलर्स के लिए मॉडलिंग किये है। मेरे पापा मम्मी से पूरा सहयोग मिलता है. मुझमे काम करने की जूनून है. इसलिए आज आपके सामने हूँ.

0 आप छस्तीस्सगढ़ी फिल्मों में अपना आदर्श किसे मानते है?

छालीवुड में काम करने वाली सभी कलाकार मेरे आदर्श है। लेकिन अनुपम भार्गव मेरे आदर्श है, जिनके चलते आज मैं छालीवुड में कदम रख पाई हूँ।उन्होंने फेसबुक पर मुझे देखकर फिल्म के लिए ऑफर दिए थे. तब तक मैंने सोचा नहीं था कि इस क्षेत्र में काम करूंगी।

0 क्या आप अपने कामों से संतुष्ट हैं? 

हाँ, मैं अपने कामों से पूरी तरह से संतुष्ट हूँ। मैंने जितने भी फिल्मों में काम किया है सभी मेरे जीवन की अच्छी फि़ल्में है।

0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?

नहीं सोची थी कि कभी फिल्मों में काम करूंगी! शुरू से ही मै मॉडलिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चली हूँ। अब फिल्म लाईन पर ही काम करती  रहूंगी।

0  छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे?

मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी  , अलग अलग तरह की भूमिका करना पसंद करूंगी।

0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?

अपने कला के दम पर पहचान बनाऊँ तथा लोग मुझे एक अच्छी अभिनेत्री के रूप में जाने , यही मेरा सपना है.


एक अदाकारी तो दूसरी डायरेक्शन में हाथ आजमा रही हैं



छालीवुड में दो बहनें खूब धमाल मचा रही है. एक अदाकारी तो दूसरी डायरेक्शन में हाथ आजमा रही हैं. चुलबुली और खूबसूरत दोनों बहनें एक दूसरे से काम नहीं है.ये नमहर बहनें हैं - जयन्ती मनहर और अनुपमा मनहर। जयंती मनहर छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग की एक अभिनेत्री हैं तो अनुपमा मनहर की रूचि डायरेक्शन में है और वे फिलहाल सह निर्देशक के रूप में छालीवुड में काम कर रही है। दोनों ही बहनों में काम करने का जूनून है, यही उनकी सफलता का राज भी है.


जयन्ती ने अपने करियर की शुरुआत साल 2017 में फिल्म बी.ए. सेकण्ड ईयर से की थी और आज एक स्थापित कलाकार हैं. उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक रहा है। स्कूल कॉलेजों में नाटकों में भाग लिया करती थी और फिर मॉडलिंग करने लगी। वे कहती हैं कि जब मैं टीवी देखती थी , तो सोचा करती थी कि मुझे भी कुछ बनना चाहिए। मेरी रोल मॉडल प्रियंका चोपड़ा हैं। कॉलेज के दिनों से ही मुझे फिल्मों के प्रस्ताव मिलने लगे थे। मैं एक्टिंग को करियर बनाने के लिए आगे बढ़ी हूं। अब मैं इस लाइन पर काम करती रहूंगी।जयंती मनहर की तमन्ना एक अच्छी नायिका बंनने की है। जयन्ती खुद अपनी पहचान बनाना चाहती है। अगर मौका मिले तो वह छोटे पर्दे पर भी काम करना चाहेंगी। जयंती मनहर ने अभिनय किया है- बी इ सेकण्ड ईयर, लव दीवाना, प्रेम के बंधना और आई लव यू टू. जयन्ती अभी फिल्म शक्ति की शूटिंग में व्यस्त हैं.

जयन्ती की बड़ी बहन अनुपमा मनहर छालीवुड में डायरेक्शन में हाथ आजमा रही है. उन्होंने आई लव यू टू, लव दीवाना फिल्म में सहायक निर्देशक की भूमिका निभाई है और अब कुरुक्षेत्र करने जा रही है. लव दीवाना में वे अपनी ही बहन को डायरेक्शन दिया है. वे अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं की इस फिल्म में अपनी बहन जयंती को निर्देशित कर मैं बहुत खुश हूँ| लव दीवाना में मेरी बहन एक अभिनेत्री का रोल कर रही है. इस फिल्म में सभी कलाकारों ने बहुत मेहनत किया है. धुप और लोगों के भीड़ में भी हम लोगों ने एक्शन और फाईट सीन किया है. कलकारों के मेहनत को देखकर उस दिन एहसास हुआ की एक सफल फिल्म को बनाने के लिए कितना मेहनत करना पड़ता है एक बात यह भी समझ आया की एक्टिंग से ज्यादा कठिन निर्देशन करना है.

गुरुवार, 7 जनवरी 2021

"कारी" की छालीवुड में धमाकेदार वापसी

 हर प्रकार की भूमिका करना चाहूंगी - अंजली सिंह चौहान



जिसने भी छत्तीसगढ़ी फिल्म कारी देखी है, उन्हें वो चेहरा जरूर याद होगा ,जिन्होंने कारी की भूमिका में जान डाल दी थी. जी हाँ हम अंजली सिंह चौहान की ही बात कर रहे हैं. कारी यानी अंजली सिंह चौहान से हमारी मुलाक़ात डार्लिंग प्यार झुकता नहीं के सेट पर हुई तो हमने उनसे हर पहलुओं पर बात की. उन्होंने बेबाक सब कुछ बताया। पेश है उनसे हुई बातचीत के सम्पादित अंश. - अरुण बंछोर/ श्रीमती केशर सोनकर 

अंजली को फिल्म कारी से ही पहचान मिली, हालांकि उन्होंने काई एलबम और फिल्में की है लेकिन कारी फिल्म की बात ही कुछ और है. उसके बाद अंजली के जीवन में एक मोड़ आया और वे मुम्बई शिफ्ट हो गयी थी और छत्तीसगढ़ की फ़िल्मी दुनिया से दूर हो गयी थी. बॉलीवुड के छोटे परदे पर धारावाहिक में काम करने लगी थी. अब अंजली की छालीवुड में धमाकेदार वापसी हुई है. इन दिनों वे प्रणव झा के निर्देशकन में बन रही फिल्म डार्लिंग प्यार झुकता नहीं की शूटिंग में व्यक्त हैं. इसके पहले अंजली ने महुँ कुंवारा तहूँ कुंवारी, दइहान, मार डारे मया मा, तैं दिया मैं बाती , सुन सुन मया के धुन फिल्मों में अभिनय कर छालीवुड में धमाकेदार वापसी किया है. वे कहती है कि उन्हें हर प्रकार की भूमिका पसंद है, वी हर तरह का रोल करना चाहेंगी,बशर्तें रोल तगड़ा हो. छोटी सी भूमिका भी कलाकार को बड़ा बना देता है. अंजली सिंह चौहान ने अपनी कला की शुरुवात लोका कला मंच से किया, उसके बाद एल्बम की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। कारी फिल्म उनके जीवन में महत्वपूर्ण साबित हुआ है, उन्हें इसी फिल्म से पहचान मिली। कुछ दिनों बाद वे शादी कर मुम्बई शिफ्ट हो गयी. ससुराल वालों के दबाव में उन्हें फ़िल्मी दुनिया से दूर होना पड़ा लेकिन एक कलाकार को कला से दूर नहीं किया जा सकता। यही कारण है अंजलि सिंह चौहान सब कुछ छोड़कर फिर कला की दुनिया में लौट आई है. अंजली को सभी तरह की शिक्षा या कला का ज्ञान अपनी माँ से ही मिला है. उनकी माँ उन्हें हर पल हर कदम पर साथ देती है. आज वे जो कुछ भी है अपनी माँ की वजह से ही है. अंजली कहती है कि आज भी मई अपने सीनियरों से कुछ ना कुछ सीखती रहती हूँ. और यह भी कहना चाहती हूँ की अब छालीवुड में काम करती रहूंगी।