रविवार, 19 अगस्त 2018

छत्तीसगढ़ी फिल्मो में संस्कृति की कमी दिखती है

पात्र के अनुसार कलाकारों का चयन हो - अन्नू शर्मा 

छत्तीसगढ़ी फिल्मो के खलनायक के रूप में उभरे कवर्धा के अन्नू शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो में मौलिकता और छत्तीसगढ़ी संस्कृति की कमी झलकती है। यही नहीं कलाकारों का चयन भी पात्रों के अनुसार होना चाहिए। अन्नू शर्मा ने फिल्म रंगरसिया से अपने कॅरियर की शुरुआत की है और आज छत्तीसगढ़ी फिल्मों का एक अंग बन गया है। अब वे लगातार फिल्मे ही करते रहना चाहते हैं।उनका कहना है कि मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। मन में लगन हो तो सब संभव है। छत्तीसगढ़ी फिल्मो का भविष्य बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ऑर है।एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मेरी पहली फिल्म रंगरसिया है। अन्नू शर्मा कहते हैं कि मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है। मैं किसी भी भाषा की फिल्म हो जरूर करूंगा।एक प्रश्ह्न के उत्तर में वे कहते हैं कि जब मैं कोई भूमिका निभाता हूँ तो पहले गंभीरता से मनन करता हूँ। उसमे पूरी तरह से डूब जाता हूँ। वे कहते हैं की छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है। 

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