छत्तीसगढ़ी फिल्मो को बढ़ावा देना जरूरी
छत्तीसगढ़ी फिल्मो में नया नाम है महावीर सिंह चौहान,जिन्होंने कुछ ही फिल्मो में अपने अभिनय से निर्माता निर्देशकों का दिल जीत लिया है। उनका कहना है कि लोग मुझे बेस्ट एकत्र के रूप में ही पहचाने। वे कहतें हैं कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो का भविष्य काफी अच्छा है। छत्तीसगढ़ी फिल्मों में शानदार भूमिका निभाने वाले महावीर कहते हैं कि सरकार को भी छालीवुड की ओर ध्यान देना चाहिए जिससे कलाकारों का भला हो सके।उन्हें एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। स्कूल में नाटकों में भाग लिया करता था फिर फिल्मो में आये । उनका कहना है कि जब जब टीवी देखता था तब तब मुझे लगता था कि मुझे भी कुछ बनना चाहिए । छालीवुड की सम्भावनाओ पर महावीर कहतें हैं कि आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ऑर है।
छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है इसका कारण है कि यहां की फिल्मो में बहुत सारी कमियां दिखती है। दूसरी ओर लोगो को छत्तीसगढ़ी फिल्मो के बारे में बताया जाना चाहिए। महावीर का कोई रोल मॉडल नहीं है। उन्होंने कई फिल्मे कर ली है। ड्रामा करने के बाद लोगो ने उनका अभिनय देखा और फिल्मो में मौका दिया। कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ? इस प्रश्न का जवाब था नहीं। शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की नहीं सोचा था। अब फिल्मो में आ गया हूँ तो इसी लाईन पर काम करता रहूंगा। मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा , लेकिन निगेटिव रोल पसंद है। सरकार से उन्हें अपेक्षाएं हैं. वे कहते है कि सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके। महावीर का कहना है कि छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है। मै चाहता हूँ कि लोग मुझे बेस्ट एक्टर के रूप में लोग जानें।
छत्तीसगढ़ी फिल्मो में नया नाम है महावीर सिंह चौहान,जिन्होंने कुछ ही फिल्मो में अपने अभिनय से निर्माता निर्देशकों का दिल जीत लिया है। उनका कहना है कि लोग मुझे बेस्ट एकत्र के रूप में ही पहचाने। वे कहतें हैं कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो का भविष्य काफी अच्छा है। छत्तीसगढ़ी फिल्मों में शानदार भूमिका निभाने वाले महावीर कहते हैं कि सरकार को भी छालीवुड की ओर ध्यान देना चाहिए जिससे कलाकारों का भला हो सके।उन्हें एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। स्कूल में नाटकों में भाग लिया करता था फिर फिल्मो में आये । उनका कहना है कि जब जब टीवी देखता था तब तब मुझे लगता था कि मुझे भी कुछ बनना चाहिए । छालीवुड की सम्भावनाओ पर महावीर कहतें हैं कि आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ऑर है।
छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है इसका कारण है कि यहां की फिल्मो में बहुत सारी कमियां दिखती है। दूसरी ओर लोगो को छत्तीसगढ़ी फिल्मो के बारे में बताया जाना चाहिए। महावीर का कोई रोल मॉडल नहीं है। उन्होंने कई फिल्मे कर ली है। ड्रामा करने के बाद लोगो ने उनका अभिनय देखा और फिल्मो में मौका दिया। कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ? इस प्रश्न का जवाब था नहीं। शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की नहीं सोचा था। अब फिल्मो में आ गया हूँ तो इसी लाईन पर काम करता रहूंगा। मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा , लेकिन निगेटिव रोल पसंद है। सरकार से उन्हें अपेक्षाएं हैं. वे कहते है कि सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके। महावीर का कहना है कि छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है। मै चाहता हूँ कि लोग मुझे बेस्ट एक्टर के रूप में लोग जानें।
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