छत्तीसगढ़ में कलाकारों की भरमार है, जरुरत है उन्हें तराशने की। गाँव गाँव ,गली-गली में कलाकार मिलेंगे, उन्हें फिल्मो में मौका मिलना चाहिए। यह कहना है छत्तीसगढ़ी फिल्मो की अभिनेत्री राखी बंजारे का। वे कहती है कि अच्छी कहानी हो और अच्छे- अच्छे कलाकार हो तो छत्तीसगढ़ी फिल्मे भी अच्छी चलेंगी। एक्टिंग और डांसिंग उनका शोक है। लगभग 10-12 फिल्मो में अपने अभिनय का जादू चला चुकी राखी दूरदर्शन की धारावाहिक में भी अभिनय कर चुकी है। चुनौतीपूर्ण भूमिका उन्हें बहुत पसंद है। मौका मिलने पर वे हिन्दी फिल्मो में भी काम करने की तमन्ना रखती है। राखी से हमने हर पहलूओं पर बेबाक बात की है। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश।
आपका रूझान अभिनय की ओर कैसे हुआ?
बचपन से शौक था कि मै अभिनय के क्षेत्र में कुछ करूँ ,पर सोचा नहीं था की मुझे मौका मिलेगा। टीवी देख देखकर मेरे मन में जिज्ञासा पैदा होती थी।
फिर आप इस क्षेत्र में कैसे आई?
महेश वर्मा की धारावाहिक मिला तो मैंने आ गयी। करीब 10 -12 सीरियल की है। उसके बाद तो मै आगे बढ़ती चली गयी। सोचा नहीं था कि मै ये सब कर पाउंगी। आज मुझे खुशी है कि मुझे जो भी काम मिला उसे मैंने पूरी ईमानदारी से पूरा किया है।
अभी तक आपने क्या-क्या किया है?
हमने 30-40 एल्बम में काम किया है , कॉमेडी नाटक किया है, 10-12 फिल्मे की है और कुछ आइटम सांग भी किया है।
आप किसे अपना प्रेणाश्रोत मानती है और किसे अपना आदर्श?
मेरा कोई प्रेेरणाश्रोत नहीं है बस मै अपनी मेहनत और अपनी इच्छा से अभिनय के क्षेत्र में आ गयी। छत्तीसगढ़ी फिल्म की नायिका मोना सेन को मै पसंद करती हूँ। ऐसा कोई नहीं है जिसे मै अपना आदर्श कह सकूँ।
कोई ऐसा क्षण जब आप निराश हुई हो?
कभी नही । निराशा मुझसे कोसो दूर रहती है। जो काम मिलता है उसे मै अच्छे से निभाता हूँ। इसलिए निराश नहीं होती।
कोई ऐसा क्षण जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
फिल्म दगाबाज में निगेटिव रोल कर मै बहुत उत्साहित हुई थी। मै उसमे अपने अभिनय से काफी संतुष्ट रही। विलेन की भूमिका निभाना मुझे अच्छा लगता है।
और अगर लीड रोल मिला तो क्या करेंगी?
लीड रोल भी कर लूंगी पर निगेटिव रोल मुझे पसंद है। आज तक मुझे जो भी भूमिका मिला है मैंने उसमे डूबकर उसे निभाया है।
रील लाइफ और रियल लाइफ में क्या फर्क महसूूस करती है?
बहुत अंतर है। रील लाइफ सिर्फ दिखावा है जो रियल लाइफ में नहीं हो सकता।
आगे की क्या योजना है। कोई तमन्ना है?
एक्टिंग और डांसिंग ही करती रहूंगी। यही मुझे बहुत पसंद है।
छत्तीसगढ़ी फिल्म बड़े परदे पर ज्यादा क्यों नहीं चल पाती?
कहानी कमजोर होती है। अच्छी कहानी और अच्छे कलाकार हो तो छत्तीसगढ़ी फिल्म भी बहुत चलेगी।
छत्तीसगढ़ी फिल्मो में बाहर के कलाकारों की भरमार होती है। इस पर आप क्या कहेंगी?
हाँ ये तो है। छत्तीसगढ़ में कलाकारों की भरमार है। हर गली मोहल्ले में कलाकार है ,बस उन्हें तराशने की जरुरत है। छत्तीसगढ़ी फिल्मो में यही के कलाकारों को मौका मिले तो बेहतर होगा।
आपका रूझान अभिनय की ओर कैसे हुआ?
बचपन से शौक था कि मै अभिनय के क्षेत्र में कुछ करूँ ,पर सोचा नहीं था की मुझे मौका मिलेगा। टीवी देख देखकर मेरे मन में जिज्ञासा पैदा होती थी।
फिर आप इस क्षेत्र में कैसे आई?
महेश वर्मा की धारावाहिक मिला तो मैंने आ गयी। करीब 10 -12 सीरियल की है। उसके बाद तो मै आगे बढ़ती चली गयी। सोचा नहीं था कि मै ये सब कर पाउंगी। आज मुझे खुशी है कि मुझे जो भी काम मिला उसे मैंने पूरी ईमानदारी से पूरा किया है।
अभी तक आपने क्या-क्या किया है?
हमने 30-40 एल्बम में काम किया है , कॉमेडी नाटक किया है, 10-12 फिल्मे की है और कुछ आइटम सांग भी किया है।
आप किसे अपना प्रेणाश्रोत मानती है और किसे अपना आदर्श?
मेरा कोई प्रेेरणाश्रोत नहीं है बस मै अपनी मेहनत और अपनी इच्छा से अभिनय के क्षेत्र में आ गयी। छत्तीसगढ़ी फिल्म की नायिका मोना सेन को मै पसंद करती हूँ। ऐसा कोई नहीं है जिसे मै अपना आदर्श कह सकूँ।
कोई ऐसा क्षण जब आप निराश हुई हो?
कभी नही । निराशा मुझसे कोसो दूर रहती है। जो काम मिलता है उसे मै अच्छे से निभाता हूँ। इसलिए निराश नहीं होती।
कोई ऐसा क्षण जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
फिल्म दगाबाज में निगेटिव रोल कर मै बहुत उत्साहित हुई थी। मै उसमे अपने अभिनय से काफी संतुष्ट रही। विलेन की भूमिका निभाना मुझे अच्छा लगता है।
और अगर लीड रोल मिला तो क्या करेंगी?
लीड रोल भी कर लूंगी पर निगेटिव रोल मुझे पसंद है। आज तक मुझे जो भी भूमिका मिला है मैंने उसमे डूबकर उसे निभाया है।
रील लाइफ और रियल लाइफ में क्या फर्क महसूूस करती है?
बहुत अंतर है। रील लाइफ सिर्फ दिखावा है जो रियल लाइफ में नहीं हो सकता।
आगे की क्या योजना है। कोई तमन्ना है?
एक्टिंग और डांसिंग ही करती रहूंगी। यही मुझे बहुत पसंद है।
छत्तीसगढ़ी फिल्म बड़े परदे पर ज्यादा क्यों नहीं चल पाती?
कहानी कमजोर होती है। अच्छी कहानी और अच्छे कलाकार हो तो छत्तीसगढ़ी फिल्म भी बहुत चलेगी।
छत्तीसगढ़ी फिल्मो में बाहर के कलाकारों की भरमार होती है। इस पर आप क्या कहेंगी?
हाँ ये तो है। छत्तीसगढ़ में कलाकारों की भरमार है। हर गली मोहल्ले में कलाकार है ,बस उन्हें तराशने की जरुरत है। छत्तीसगढ़ी फिल्मो में यही के कलाकारों को मौका मिले तो बेहतर होगा।
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