फि़ल्मी दुनिया में ही कॅरियर बनाएगी
- श्रीमती केशर सोनकर
मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहता है। यह कर दिखाया है सुमन कोसरे(कश्यप) ने। छत्तीसगढ़ के भिलाईनगर में पली बढ़ी सुमन कोसरे ने अपनी छोटी सी उम्र में एक बढ़ी उपलब्धी हासिल कर ली है। छइयां भुईंया, मयारू भौजी जैसी फिल्मो में काम कर चुकी है। फि़ल्मी दुनिया में कॅरियर बनाने की इच्छा रखने वाली सुमन कहती है कि उनका मकसद
छालीवुड में ही नाम कमाने की है। दूरदर्शन की धारावाहिक से सुमन ने अपने कॅरियर की शुरुवात की थी, फिल्मो में आई फिर आठ साल इस इंडस्ट्री से दूर रही.अब वे फिर छालीवुड में धमाकेदार एंट्री करने जा रही है.चौरां मा गोंदा रसिया, मोर बारी मा पाताल उनका पाह;ला एल्बम है जो खूब धूम मचाई थी.खूबसूरत सुमन ने कला के क्षेत्र में किसी से प्रेरणा नहीं ली है और अपने बलबूते ही बुलंदियां छूने लगी है। सुमन छालीवुड में सभी प्रकार की भूमिका निभाना चाहती है ताकि उन्हें कटु अनुभव हो जाए। वे कहती है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो में गुणवत्ता हो तो जरूर थियेटरों में चलेगी। 7 साल की उम्र में पहला स्टेज शो और 11 साल की उम्र में पहला एल्बम करने वाली सुमन अब फिल्मो में ही अपना देखती है.
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। स्कूल में नाटकों में भाग लिया करती थी फिर नाटकों में किया। जब जब टीवी देखती थी तब तब मुझे लगता था कि मुझे भी कुछ करना चाहिए ।
0 छालीवुड की क्या सम्भावनाये है?
00 बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए । थियेटरों की कमी को सरकार पूरा करे।
0 तो छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है?
00 क्योकि यहां की फिल्मो में बहुत सारी कमियां होती है। फिल्मो में वो गुणवत्ता नहीं होती जो यहां के लोगो को चाहिए।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मेरे पापा मम्मी ही मेरे प्रेरणाश्रोत है। लोगो ने मेरा अभिनय देखा और फिल्मो में मौका दिया। पापा रवि कश्यप ही मेरे आदर्श है जो हर पल मेरे साथ होते है।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चली हूँ। अब इसी लाईन पर काम करती रहूंगी।
0 छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00 मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी , लेकिन सीरियस रोल ज्यादा पसंद है।
0 सरकार से आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहती हूँ। अपने कामो और कला से खूब नाम कमाना चाहती हूँ.
- श्रीमती केशर सोनकर
मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहता है। यह कर दिखाया है सुमन कोसरे(कश्यप) ने। छत्तीसगढ़ के भिलाईनगर में पली बढ़ी सुमन कोसरे ने अपनी छोटी सी उम्र में एक बढ़ी उपलब्धी हासिल कर ली है। छइयां भुईंया, मयारू भौजी जैसी फिल्मो में काम कर चुकी है। फि़ल्मी दुनिया में कॅरियर बनाने की इच्छा रखने वाली सुमन कहती है कि उनका मकसद
छालीवुड में ही नाम कमाने की है। दूरदर्शन की धारावाहिक से सुमन ने अपने कॅरियर की शुरुवात की थी, फिल्मो में आई फिर आठ साल इस इंडस्ट्री से दूर रही.अब वे फिर छालीवुड में धमाकेदार एंट्री करने जा रही है.चौरां मा गोंदा रसिया, मोर बारी मा पाताल उनका पाह;ला एल्बम है जो खूब धूम मचाई थी.खूबसूरत सुमन ने कला के क्षेत्र में किसी से प्रेरणा नहीं ली है और अपने बलबूते ही बुलंदियां छूने लगी है। सुमन छालीवुड में सभी प्रकार की भूमिका निभाना चाहती है ताकि उन्हें कटु अनुभव हो जाए। वे कहती है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो में गुणवत्ता हो तो जरूर थियेटरों में चलेगी। 7 साल की उम्र में पहला स्टेज शो और 11 साल की उम्र में पहला एल्बम करने वाली सुमन अब फिल्मो में ही अपना देखती है.
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। स्कूल में नाटकों में भाग लिया करती थी फिर नाटकों में किया। जब जब टीवी देखती थी तब तब मुझे लगता था कि मुझे भी कुछ करना चाहिए ।
0 छालीवुड की क्या सम्भावनाये है?
00 बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए । थियेटरों की कमी को सरकार पूरा करे।
0 तो छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है?
00 क्योकि यहां की फिल्मो में बहुत सारी कमियां होती है। फिल्मो में वो गुणवत्ता नहीं होती जो यहां के लोगो को चाहिए।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मेरे पापा मम्मी ही मेरे प्रेरणाश्रोत है। लोगो ने मेरा अभिनय देखा और फिल्मो में मौका दिया। पापा रवि कश्यप ही मेरे आदर्श है जो हर पल मेरे साथ होते है।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चली हूँ। अब इसी लाईन पर काम करती रहूंगी।
0 छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00 मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी , लेकिन सीरियस रोल ज्यादा पसंद है।
0 सरकार से आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहती हूँ। अपने कामो और कला से खूब नाम कमाना चाहती हूँ.
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