संगीत की कोई सीमा नही होती
० एक मुलाक़ात - अरुण बंछोर
छत्तीसगढ़ की मशहूर पार्श्वगायिका छाया प्रकाशअपनी आवाज से लोगों का दर्द भुलाना चाहती है। वे कहती हैं कि लता जी को सुनकर संगीत को महसूस करना सीखा है. वे चाहती हैं कि वही एहसास अपनी गायकी मे डालें और अपने सुनने वालों को सुकुन का एहसास कराये। संगीत उन्हें अपनी माँ से विरासत में मिली है। नेशनल अवार्ड और छालीवुड की बेस्ट सिंगर जीत चुकी छाया प्रकाश संगीत के हर अंदाज़ को जानना चाहती है कुछ नया करना चाहती है। 16 एल्बम और 5 फ़िल्म मे अपनी आवाज का जादू बिखे चुकी छाया प्रकाश से हमने हर पहलुओं पे बेबाक बात की है।
० आपको गाने का शौक कैसे हुई?
०० मेरी माँ बहुत अच्छा गाती थी, सामाजिक कारणों से उन्हे आगे बढने का अवसर नही मिला तो उन्होने मुझे बचपन से ही सिखाना शुरू कर दिया था।
० किसी ने आपको प्रोत्साहित किया या फिर मर्जी से गाने लगी?
०० माँ ही मेरी पहली गुरू हैं और मेरी प्रेरणा भी।
० आपकी कोई तमन्ना है जिसे लेकर आप आगे बढ़ रही है
०० मेरी एक ही तमन्ना है कि मेरी आवाज को सुन कर लोग अपना दर्द भूल जायेँ. मैने लता जी को सुनकर संगीत को महसूस करना सीखा है. मैं चाहती हूँ कि वही एहसास मैं अपनी गायकी मे डाल पाऊँ और अपने सुनने वालों को सुकुन का एहसास करा सकूँ.
० आपने गायकी का क्षेत्र ही क्यों चुना ?
०० मैने बहुत अलग अलग काम करके देखा पी.एच.डी करके कोलेज मे पढाया,.लेकिन आन्तरिक सुख मुझे संगीत मे मिला..इसलिये मैने संगीत को ही चुना।
० आपने गायकी की ट्रेनिंग ली है ?
०० जी हाँ मैने भातखन्डे संगीत महाविद्यलाय से गीतांजली सीनियर डिप्लोमा लिया है. समय समय पर संगीत गुरुजनो का मार्गदर्शन लेती रही हूँ..जिनमे कुछ विशेश नाम हैँ- किशोर दुबे बिलासपुर. राजेन्द्र गिरी गोस्वामी रतनपुर. कल्याण सेन रायपुर. भारती बन्धू रायपुर. मोइन खान मुंबई. उन्नीकृष्णन भिलाई।
० क्या आप फिल्मों में भी एक्टिंग करना चाहेंगी ?
०० फ़िल्मो मे काम करने का कभी नही सोचा।
० आप छत्तीसगढ़ से है तो क्या हिन्दी या भोजपुरी फिल्मो के लिए भी गाना गायेंगी?
०० जी संगीत की कोई सीमा नही होती. अभी एक हिन्दी फ़िल्म के लिये रिकार्डिग किया है और भोजपुरी के लिये भी बात हो रही है..अवसर मिलेगा तो संगीत के हर अंदाज़ को जानना चाहूँगी. नया करना चाहूँगी।
० आप अपना प्रेरणाश्रोत किसे मानती है?
०० मेरी प्रेरणा मेरी माँ श्रीमती माया जैन हैँ
० आपका आदर्श कौन है , जिसे आप फॉलो करती है ?
०० आदर्श लता मंगेशकर जी हैँ
० कभी आपको निराशा महसूस हुई है और कभी ऐसा क्षण आया है जब आप बहुत खुश हुई हो?
०० मुम्बई की चमक के पीछे के अँधेरे को जानकर, झेलकर बहुत निराशा हुई थी। और जब मुझे नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया उस दिन बेहद खुशी हुई थी।
० एक मुलाक़ात - अरुण बंछोर
छत्तीसगढ़ की मशहूर पार्श्वगायिका छाया प्रकाशअपनी आवाज से लोगों का दर्द भुलाना चाहती है। वे कहती हैं कि लता जी को सुनकर संगीत को महसूस करना सीखा है. वे चाहती हैं कि वही एहसास अपनी गायकी मे डालें और अपने सुनने वालों को सुकुन का एहसास कराये। संगीत उन्हें अपनी माँ से विरासत में मिली है। नेशनल अवार्ड और छालीवुड की बेस्ट सिंगर जीत चुकी छाया प्रकाश संगीत के हर अंदाज़ को जानना चाहती है कुछ नया करना चाहती है। 16 एल्बम और 5 फ़िल्म मे अपनी आवाज का जादू बिखे चुकी छाया प्रकाश से हमने हर पहलुओं पे बेबाक बात की है।
० आपको गाने का शौक कैसे हुई?
०० मेरी माँ बहुत अच्छा गाती थी, सामाजिक कारणों से उन्हे आगे बढने का अवसर नही मिला तो उन्होने मुझे बचपन से ही सिखाना शुरू कर दिया था।
० किसी ने आपको प्रोत्साहित किया या फिर मर्जी से गाने लगी?
०० माँ ही मेरी पहली गुरू हैं और मेरी प्रेरणा भी।
० आपकी कोई तमन्ना है जिसे लेकर आप आगे बढ़ रही है
०० मेरी एक ही तमन्ना है कि मेरी आवाज को सुन कर लोग अपना दर्द भूल जायेँ. मैने लता जी को सुनकर संगीत को महसूस करना सीखा है. मैं चाहती हूँ कि वही एहसास मैं अपनी गायकी मे डाल पाऊँ और अपने सुनने वालों को सुकुन का एहसास करा सकूँ.
० आपने गायकी का क्षेत्र ही क्यों चुना ?
०० मैने बहुत अलग अलग काम करके देखा पी.एच.डी करके कोलेज मे पढाया,.लेकिन आन्तरिक सुख मुझे संगीत मे मिला..इसलिये मैने संगीत को ही चुना।
० आपने गायकी की ट्रेनिंग ली है ?
०० जी हाँ मैने भातखन्डे संगीत महाविद्यलाय से गीतांजली सीनियर डिप्लोमा लिया है. समय समय पर संगीत गुरुजनो का मार्गदर्शन लेती रही हूँ..जिनमे कुछ विशेश नाम हैँ- किशोर दुबे बिलासपुर. राजेन्द्र गिरी गोस्वामी रतनपुर. कल्याण सेन रायपुर. भारती बन्धू रायपुर. मोइन खान मुंबई. उन्नीकृष्णन भिलाई।
० क्या आप फिल्मों में भी एक्टिंग करना चाहेंगी ?
०० फ़िल्मो मे काम करने का कभी नही सोचा।
० आप छत्तीसगढ़ से है तो क्या हिन्दी या भोजपुरी फिल्मो के लिए भी गाना गायेंगी?
०० जी संगीत की कोई सीमा नही होती. अभी एक हिन्दी फ़िल्म के लिये रिकार्डिग किया है और भोजपुरी के लिये भी बात हो रही है..अवसर मिलेगा तो संगीत के हर अंदाज़ को जानना चाहूँगी. नया करना चाहूँगी।
० आप अपना प्रेरणाश्रोत किसे मानती है?
०० मेरी प्रेरणा मेरी माँ श्रीमती माया जैन हैँ
० आपका आदर्श कौन है , जिसे आप फॉलो करती है ?
०० आदर्श लता मंगेशकर जी हैँ
० कभी आपको निराशा महसूस हुई है और कभी ऐसा क्षण आया है जब आप बहुत खुश हुई हो?
०० मुम्बई की चमक के पीछे के अँधेरे को जानकर, झेलकर बहुत निराशा हुई थी। और जब मुझे नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया उस दिन बेहद खुशी हुई थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें