छत्तीसगढ़ी फिल्म तोर मोर यारी बड़े ही धूमधाम से शुरू हुई थी लेकिन बीच रास्ते में अटक गयी। खबरों के अनुसार अब यह फिल्म पूरी नहीं होगी। फिल्म की आधी शूटिंग ही हो पाई थी , की फिल्म का निर्माण रोकना पड़ा। बताया जा रहा है कि पैसो के अभाव में निर्माता ने फिल्म आगे शूट न करने का फैसला कर लिया है। इसका कारण बताया जा रहा है निर्माता के घर चोरी हो जाना, अब इसमें सच्चाई कितनी है यह तो वही जाने ,पर इतना जरूर है कि अब यह फिल्म आगे शूट नहीं होगी।
हिरोईन नहीं मिल रही।
अब आप कहेंगे कि छत्तीसगढ़ में हीरोइनों की कमी नहीं है पर यह भी सच है कि कई फिल्म निर्माताओं को हिरोईन नहीं मिल रही है। बिलासपुर के एक निर्माता ने मुझे बताया कि़ वे फिल्म मोगरा बनाने जा रहे है उन्हें इसके लिए हिरोईन की तलाश है। काफी हाथ पैर मार लिया है उन्हें अब तक हिरोईन नहीं मिल पाया है।
हिन्दी फिल्मों के लिए आडिशन
यहां इन दिनों छत्तीसगढ़ी फिल्मे थोक के भाव में बन रही है। इस बीच हिन्दी फिल्मो के लिए भी यहां दो दो स्थानों पर आडिशन हो रहा है। यह छत्तीसगढ़ के लिए एक अच्छा संकेत है। एक फिल्म के लिये आडिशन एजाज वारसी के निवास पर तो दूसरा इरा फिल्म में चल रहा है। छत्तीसगढ़ के कलाकार हिन्दी फिल्मो के लिए आडिशन दे रहे हैं।
बेर्रा से कई सीन हटाये गए
छत्तीसगढ़ी फिल्म बेर्रा की शूटिंग पूरी हो गयी है। डबिंग के दौरान इस फिल्म से कई सीन हटा दिए गए। सुनने में आया है कि दृश्य को कम करने के लिए वो सीन हटाये गए है। ये भी कहा जा रहा है कि शूटिंग ठीक नहीं हो पाया था। कारण जो भी हो फिल्म के सीन में कैची तो चल गयी है। सबसे ज्यादा सीन सुनीता के काटे गए हैं।
फिल्म बनाने की होड़
कहते हैं कि छत्तीसगढ़ी फिल्मे अपनी लागत नहीं निकाल पाती, यह सिर्फ कहावत है या कुछ और ये कहना मुश्किल है क्योकि यहां छत्तीसगढ़ी फिल्म बनाने की होड़ मची हुई है। बिलासपुर में फिल्म मोगरा की 23 को मुहूर्त है वही धमतरी में 22 से फिल्म बही तोर सुरता मा की शूटिंग शुरू हो रही है। इस फिल्म को भिलाई के धर्मेन्द्र चौबे निर्देशित करेंगे।
37 फिल्मों को प्रदर्शन का इंतजार
छत्तीसगढ़ी फिल्मे धड़ाधड़ बन तो रही है पर कई फिल्मो को अब भी प्रदर्शित होने का इन्तजार है जिसमे कई फिल्मे काफी वर्ष पहले से बनकर पडी हुई है। फिल्म रिलीज ना हो पाने का कारन क्या है ये तो हम नहीं कह सकते पर इतना जरूर कहेंगे कि फिल्म बनी है तो रिलीज भी होनी चाहिए। सुनने में आ रहा कि मया के मंदिर का जल्द ही रिलीज होने का सौभाग्य मिलेगा।
हिरोईन नहीं मिल रही।
अब आप कहेंगे कि छत्तीसगढ़ में हीरोइनों की कमी नहीं है पर यह भी सच है कि कई फिल्म निर्माताओं को हिरोईन नहीं मिल रही है। बिलासपुर के एक निर्माता ने मुझे बताया कि़ वे फिल्म मोगरा बनाने जा रहे है उन्हें इसके लिए हिरोईन की तलाश है। काफी हाथ पैर मार लिया है उन्हें अब तक हिरोईन नहीं मिल पाया है।
हिन्दी फिल्मों के लिए आडिशन
यहां इन दिनों छत्तीसगढ़ी फिल्मे थोक के भाव में बन रही है। इस बीच हिन्दी फिल्मो के लिए भी यहां दो दो स्थानों पर आडिशन हो रहा है। यह छत्तीसगढ़ के लिए एक अच्छा संकेत है। एक फिल्म के लिये आडिशन एजाज वारसी के निवास पर तो दूसरा इरा फिल्म में चल रहा है। छत्तीसगढ़ के कलाकार हिन्दी फिल्मो के लिए आडिशन दे रहे हैं।
बेर्रा से कई सीन हटाये गए
छत्तीसगढ़ी फिल्म बेर्रा की शूटिंग पूरी हो गयी है। डबिंग के दौरान इस फिल्म से कई सीन हटा दिए गए। सुनने में आया है कि दृश्य को कम करने के लिए वो सीन हटाये गए है। ये भी कहा जा रहा है कि शूटिंग ठीक नहीं हो पाया था। कारण जो भी हो फिल्म के सीन में कैची तो चल गयी है। सबसे ज्यादा सीन सुनीता के काटे गए हैं।
फिल्म बनाने की होड़
कहते हैं कि छत्तीसगढ़ी फिल्मे अपनी लागत नहीं निकाल पाती, यह सिर्फ कहावत है या कुछ और ये कहना मुश्किल है क्योकि यहां छत्तीसगढ़ी फिल्म बनाने की होड़ मची हुई है। बिलासपुर में फिल्म मोगरा की 23 को मुहूर्त है वही धमतरी में 22 से फिल्म बही तोर सुरता मा की शूटिंग शुरू हो रही है। इस फिल्म को भिलाई के धर्मेन्द्र चौबे निर्देशित करेंगे।
37 फिल्मों को प्रदर्शन का इंतजार
छत्तीसगढ़ी फिल्मे धड़ाधड़ बन तो रही है पर कई फिल्मो को अब भी प्रदर्शित होने का इन्तजार है जिसमे कई फिल्मे काफी वर्ष पहले से बनकर पडी हुई है। फिल्म रिलीज ना हो पाने का कारन क्या है ये तो हम नहीं कह सकते पर इतना जरूर कहेंगे कि फिल्म बनी है तो रिलीज भी होनी चाहिए। सुनने में आ रहा कि मया के मंदिर का जल्द ही रिलीज होने का सौभाग्य मिलेगा।
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