बुधवार, 26 अगस्त 2020

मम्मी-पापा का सपना ही अंजली का सपना है

फ़िल्मी सफर छोटा है पर बेहतर है



छत्तीसगढ़ी फिल्मो कीअदाकारा अंजली ठाकुर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. उनकी कला में वो जादू है कि जो भी एक बार देखे, उनकी कला के कायल हो जाएंगे। उनकी एक्टिंग में जीवंतता झलकती है. वे कहती है की मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहती हूँ। वे अपने कला के दम पर पहचान बनाना चाहती है. उनका कहना है कि छालीवुड में उनका कोइ आदर्श नहीं है। अपने कामो से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हूँ। मुझे अभी बहुत कुछ करना है. अंजली ठाकुर को कभी निराशा नहीं होती । यही उनकी सफलता का राज है. उन्होंने बतौर नायिका चार फिल्मे की है. फ़िल्मी सफर उनका छोटा है पर बेहतर है. पेश है बातचीत के सम्पादित अंश - अरुण बंछोर

आपने कितनी फिल्मे या एल्बम किये हैं?
4 फिल्म लीड़ की हूँ, शुरूवाती दौर मे 2 -3 मूवी में छोटा छोटा सा किरदार निभाई हूँ. छत्तीसगढ़ी एल्बम तो अनगिनत है। ओड़िया और हिन्दी एल्बम भी की हूँ|
आपको एक्टिंग के प्रति कैसे दिलचस्पी हुई ?
बचपन मे जब टी.वी. देखतीं थी, तो सोचा करती थी कि इसके अंदर कोई इंसान कैसे जाते हैं और एक बार जब मेरे घर का टी. वी. फूट गया तो मैं उस दिन स्कूल जाना छोड़ के बस यही देखतीं रही.. इसके अंदर के लोग अभी तक बाहर कैसे नहीं आये मैं तब 5-6 साल की थी उस समय अपनी माँ से पूछती भी थी... मुझे भी टी.वी. के अंदर जाना हैं कैसे जाते है. बचपन से रूचि थी
कैसे और कहाँ से आपने एक्टिंग का सफर शुरू किया?
जब मैं हायर सेकेंडरी मे थी तभी से मैंने शुरुआत किया हैं मेरी मम्मी जब अपना और मेरा फोटोज फेसबुक पर अपलोड करती थीं तभी से मेरे पास फिल्मों और एल्बम के ऑफर आने लगे थे.
आप छत्तीसगढी में अपना आदर्श किसे मानते है?
किसी को नहीं..।
अब तक की आपकी उपलब्धी क्या है?
4 फिल्म बि ना किसी के रिफरेंस के की हूँ अपनी मेहनत और हूनर से की हूँ.मेरे लिये यही बहुत बडी बात हैं.. इंडस्ट्री मे मेरा कोई बाप दादा नहीं हैं... अपनी मेहनत और अपने काम के प्रति जो लगन हैं उसी के बलौलत धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हूँ.
आप छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अपना आदर्श किसे मानते है?
किसी को भी नहीं। लेकिन हाँ मेरी माँ बहुत कम समय मे छत्तीसगढ़ फिल्मों मे अपनी कला का जादू बिखेर रही हैं और मेरी माँ फिल्मों मे हो या मेरी जिन्दगी मे हो आर्दश मेरे लिए एक मात्र वहीं हैं लीना ठाकुर जी.
क्या आप अपने कामों से संतुष्ट हैं?
संतुष्ट नहीं हूँ मैं..मुझे जैसा काम करना पसंद हैं वैसा काम नहीं मिल पा रहा हैं. कुछ अच्छा काम सोचो या करने की कोशिश करो तो यहां पैर खिचने वाले बहुत हैं मगर हाथ खिच के कोई साथ नहीं देते हैं ।
आप किस कलाकार को फॉलो करते है?
मैं किसी कलाकार को फॉलो नहीं करती मुझे अपनी कला से उभरना हैं किसी का कॉपी कर के नहीं।

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कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
बचपन से यही सोच बना के चलतीं आई हूँ.. मेरी माँ का ये सपना भी हैं.. की मैं अपने कला से अपने दर्शको के दिल मे राज करुं और अपना कॉरियर इसी मे बनाऊ क्योंकि जब मैं 1 साल की भी नहीं थी तो मेरी माँ के पास फिल्मो के ऑफर आते थे तो वो मुझे छोटी हैं बोल के नहीं कर पाई थी और उनका सपना अधूरा था और उस सपने को मैं पूरा कर रही हूँ धीरे-धीरे।
छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
मुझे गांव घर की बहू और स्कूल लाइफ वाली फिल्म करना अच्छा लगेगा,परिवार के साथ बैठ के देख सके वैसा फिल्म पसंद हैं।
आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
मेरे मम्मी पापा का सपना ही मेरा सपना है और उसे ही मैं पूरा होते देखना चहती हूँ.

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